नूंह 19 अक्तूबर : उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा है कि किसानों की आय को दोगुना करने व फसल विविधिकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बागवा
नी बीमा योजना चलाई जा रही है। यह योजना किसानों को सब्जियों, फलों व मसालों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम से मुक्त कर फसल लागत की भरपाई करने में कारगर साबित होगी। उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा चलाई गई बागवानी बीमा योजना, बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। उन्होंने कहा कि बागवानी किसानों को विभिन्न कारणों से भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। फसलों में बीमारी लगने, असमय वर्षा, तूफान, सूखा और तापमान बढऩे जैसी आपदाओं से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब इस योजना के तहत 21 सब्जियों, फल और मसाले की फसलों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाया जाएगा। जिला बागवानी अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत निम्नलिखित फसलों जिसमें सब्जियों में टमाटर, प्याज, आलू, फूल गोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, व मूली वहीं फलों की फसलों में आम, किन्नू, बेर व अमरुद सहित मसालों में हल्दी व लहसुन की फसलों को योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है। इस योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर 1000 प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत बीमा दावे का निपटारा करने के लिए सर्वे किया जाएगा जिसके तहत फसल नुकसान को चार श्रेणियों - 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, 75 और 100 प्रतिशत- में आंका जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
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