नालसा योजना के अंतर्गत गरीबी उन्मूलन के लिए प्राधिकरण का है ये सार्थक प्रयास, हर जरूरतमंद तक योजनाओं की उपलब्धता से गरीबी का होगा एक दिन नाश हथीन/माथुर : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालस
) के निर्देशन में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (हालसा) के संयोजन से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डलसा) के तत्वावधान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन चंद्रशेखर व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एंव सचिव पीयूष शर्मा के मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के मौके पर विशेष कानूनी जागरूकता शिविरों का आयोजन पैनल अधिवक्ता नवीन रावत, रण सिंह तेवतिया, हंसराज शांडिल्य, जगत सिंह रावत द्वारा गांव अलावलपुर, सदरपुर, किशोरपुर, जोहरखेडा पलवल में किया गया। शिविरों में पैनल अधिवक्तागण ने ग्रामीणों को विशेष तौर से नालसा गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाएं योजना, 2015 के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि उक्त योजना का उद्देश्य समाज के सामाजिक एवं आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग के लिए दिये गये लाभों एवं मौलिक अधिकारों तक पहूंच सुनिश्चित करना है। गरीबी उन्मूलन में उपरोक्त वर्ग तक हर स्तर पर विधिक सहायता एवं सहयोग सेवा को सशक्त करना तथा गरीब व जरूरतमंद के लिए जागरूकता फैलाना, उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाना, समस्त सरकारी निकायों अथवा पदाधिकारियों, संस्थाओं, अधिकारियों, स्वयंसेवियों, जो समाज के सामाजिक व आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के कल्याण से संबंधित जिम्मेदारियां लिये हुए हैं, उनके बीच प्रभावी संबंध एवं सम्पर्क बढाना है। उपरोक्त योजना के अंतर्गत प्राधिकरण की लीगल टीम द्वारा गरीबी उन्मूलन के लिए योजना लाभार्थियों तक योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाना, संबंधित दस्तावेज प्राप्त करने में योजना लाभार्थियों की सहायता, पंजीकरण हेतु संबंधित विभाग या अधिकारियों की सूचना, हकदार तक योजना का लाभ पहुंचाने में योगदान जैसे विभिन्न कार्य किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी एक अभिशाप है। गरीबी उन्मूलन जितना राष्ट्र और विश्व का दायित्व है उससे ज्यादा स्वयं व्यक्ति एवं समाज का दायित्व है। हर जरुरतमंद को स्वयं ही संभलना होगा। गरीबी उन्मूलन के लिए योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन, जनसंख्या नियंत्रण, पंचवर्षीय योजना, स्वरोजगार में वृद्धि, साक्षरता में वृद्धि तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, छोटे उद्योगों को बढावा व रोजगार मुहैया कराने में भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने से गरीबी उन्मूलन अभियान को बल मिल सकता है। गरीबी उन्मूलन के लिए हर इंसान को रोजगार योग्यता के आधार पर मिलना चाहिए। केवल सस्ता अनाज या राशन उपलब्ध कराने से गरीबी दूर नहीं होती है बल्कि गरीब और जरूरतमंद को स्वयं मेहनत करनी होगी, उसे शिक्षित होना होगा। उनको रोजगार और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। इसके अलावा लीगल टीम ने ग्रामीणों को प्राधिकरण की कानूनी सेवाओं, मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों, सरकारी जन कल्याणकारी योजनाओं, लोक अदालत के मह्त्व, अंर्तजातीय विवाह के विरूद्ध हिंसा के नियंत्रण संबंधी प्रावधानों के बारे में जागरूक किया। आगामी 22 अक्टूबर को न्यायिक परिषर में आयोजित विशेष शिविर पर भी प्रकाश डाला। उक्त शिविर में प्राधिकरण व विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा योजनाओं की जानकारी व सहायता, मुफ़्त चिकित्सा स्वास्थ्य जांच, वन विभाग द्वारा 5000 पौधों का वितरण, वैक्सीनेशन सहित विभिन्न सुविधाएं आगंतुकों के लिए प्रदान की जाएंगी। ग्रामीणों को कोरोना व डेंगू से बचाव के लिए रोकथाम के लिए प्रभावी सुझाव प्रदान किए। शिविर में ग्रामीणों को विभिन्न कानूनी विषयों पर कानूनी सलाह मुफ्त प्रदान की गई। ग्रामीणों को मौलिक कर्तव्य, वरिष्ठ नागरिकों के कानूनी अधिकार, प्राधिकरण से मुफ्त कानूनी सहायता, लोक अदालत के फायदे संबंधी पम्पलेट व मास्क वितरित किए गए।
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