पुन्हाना, कृष्ण आर्य शहर के हाई स्कूल प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा विजयदशमी पर्व व संघ का 96 वां स्थापना दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रात: के समय
योजित कार्यक्रम में स्वयंसेवको द्वारा शस्त्रों का तिलक लगाकर पूजन किया गया व शारीरिक प्रदर्शन किया गया। स्वयंसेवकों ने संघ के गणवेष में राष्ट्रीय गीतों को गुन-गुनाकर लोगों को राष्ट्र भावना के प्रति संदेश भी दिया। पुन्हाना में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता विभाग प्रचार प्रमुख अनिल कश्यप व अध्यक्ष रूप में समाजसेवी वेदराम शर्मा मौजूद रहे। इस दौरान संघ स्वयंसेवकों ने सूर्य नमस्कार, योगासन, समता, खेल सहित अनेक कार्यक्रम किए। मुख्य वक्ता अनिल कश्यप ने कहा कि संघ में क्षमतावान स्वयंसेवकों का निर्माण किया जा रहा है। जो समाज में हर प्रकार की बुराइयों को खत्म करने की क्षमता रखता है, उन्होंने कहा कि आज एक मजबूत देश के लिए एक मजबूत समाज की आवश्यकता है और मजबूत समाज के लिए एक मजबूत व्यक्ति की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक चरित्रवान समाज का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि संघ की शाखाओं के माध्यम से स्वयंसेवक शारीरिक व मानसिक रूप से इतना मजबूत हो जाता है कि वह अपने बारे में कम और देश और समाज की भलाई के बारे में ज्यादा विचार करता है। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि उन्हें कभी भी अहंकार नहीं आना चाहिए क्योंकि अहंकार से व्यक्ति का पतन निश्चित होता है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में साठ हजार से अधिक शाखाए खेल के माध्यम से व्यक्ति निर्माण कर रही हैं। शाखाओं के अलावा भी संघ के 80 प्रकल्प चल रहे हैं जो गौ संवर्धन, समरसता जैसे कार्य कर लोगों में देशभक्ति की प्रेरणा जगाते हैं। विजयदशमी पर्व असत्य पर सत्य की जीत व अधर्म पर धर्म की जीत के रूप मनाया जाता है। आज देश में भ्रष्टाचार, अपराध, अशिक्षा जैसी सामाजिक बुराईयों से लडऩे की जरूरत है। जिसके लिए हमें भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेकर इन समस्याओं के विरूद्ध एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने वन में जाकर शक्ति की उपासना कर असुरों का संहार कर विजय प्राप्त की। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आज देश में फैल रहे आतंकवाद, भुखमरी, भ्रष्टाचार,हिंसा आदि समस्याओं से मिलकर लडऩा होगा। तभी हम सही मायनों में दशहरा पर्व के भाव को पूरा कर पाएगें। उन्होंने कहा कि समाज को जोडऩे के लिए हमें भेदभाव को भूलकर इक होना होगा, तभी इन बुराईयों का जड़ से खात्मा हो सकता है। उन्होंने कहा कि दशहरा पर्व पर हमें भगवान राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रण लेना चाहिए। राजा-महाराजा भी किसी युद्व में विजय पाने के लिए अपने विजय रथ की शुरूआत इसी दिन से करते थे, क्योंकि विजयादशमी पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर समाजसेवी धर्मवीर सैनी, जिला समरसता प्रमुख लालाराम भारद्वाज, नगर कार्यवाह अमित कुमार, राजकुमार, सुनील गर्ग, नवीन कुमार, राकेश कंसल, उद्योगपति उत्तम चंद गोयल, लोकेश, गौरी शंकर, तरुण भारद्वाज, दीपक जैन सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
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