वेंकटेश अय्यर को मां ने पढ़ाया साहसिकता और जुझारूपन का पाठ

Khoji NCR
2021-10-15 07:54:17

नईदुनिया,। आइपीएल जब शुरू हुआ था तो इंदौर के रहने वाले केकेआर के बल्लेबाज वेंकटेश अय्यर को कोई नहीं जानता था। खुद केकेआर टीम प्रबंधन का भी उन पर ध्यान नहीं गया। मगर अब जब आइपीएल अपने अंतिम मैच

े मुहाने पर खड़ा है तो लीग के सबसे बड़े बल्लेबाज के रूप में वेंकटेश की चर्चा है। अपनी साहसिक और जुझारू बल्लेबाजी से प्रभावित करने वाले वेंकटेश ने ये गुण अपनी मां से सीखे, जो स्वयं एक नर्स हैं और कोरोना काल में लगातार ड्यूटी करती रहीं। जब वेंकटेश बिना हेलमेट मैदान के चारों ओर गेंद को नसीहत देते नजर आते हैं तो उनका आत्मविश्वास झलकता है। वेंकटेश की मां शशि राजशेखरन अय्यर ने कोरोना काल में लगातार ड्यूटी की। इस दौरान उन्हें और वेंकटेश के पिता राजशेखरन को भी कोरोना हो गया था। वह बताती हैं, 'इंदौर में कोरोना को लेकर बहुत डर का माहौल था। ऐसे में मेरे लिए ड्यूटी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि यह भी सेवा का काम है। जब मुझे कोरोना हुआ तो यकीन था कि जल्द ठीक हो जाऊंगी। ठीक होने के बाद मैं फिर अस्पताल पहुंची और मरीजों की देखभाल की। यही गुण वेंकटेश में भी है। वह अपनी टीम को जिताने के लिए हमेशा अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता है।' वेंकटेश के लिए वेंकटेश से प्रार्थना दक्षिण भारतीय ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाले वेंकटेश की मां बताती हैं, 'हर मां की तरह मैं भी चाहती हूं कि मेरा बेटा बहुत अच्छा प्रदर्शन करे। टीम का हर खिलाड़ी मेरे बेटे की तरह है। दिल्ली के खिलाफ मैच में मुझे यकीन था कि टीम जीतेगी, लेकिन अंतिम ओवरों में जब विकेट गिरने लगे तो मैं रोने लगी। कुछ समझ नहीं आ रहा था, आंसू रुक नहीं रहे थे। बस भगवान वेंकटेश से प्रार्थना कर रही थी। जब टीम जीती तो राहत मिली। अब भी मैं प्रार्थना कर रही हूं कि वेंकटेश फाइनल में अच्छा प्रदर्शन करे। मेरा दिल कहता है कि वह इस बार भी जोरदार प्रदर्शन करेगा।' वेंकटेश को केकेआर ने 20 लाख रुपये के आधार मूल्य पर अपने साथ जोड़ा था, लेकिन उनकी प्रतिभा को शुरुआत में तवज्जो नहीं मिली। लीग के पहले चरण में उन्हें एक भी मैच नहीं खिलाया गया। सबके मन में यह सवाल है कि दूसरे चरण में उन पर इतना विश्वास कैसे हुआ कि उन्हें बतौर ओपनर मौका दे दिया गया। यही फैसला केकेआर टीम के लिए गेम चेंजर साबित हुआ। वेंकटेश के कोच दिनेश शर्मा बताते हैं, 'नेट्स पर वेंकटेश ने आंद्रे रसेल की गेंदों पर लंबे शाट लगाए तो वह बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने टीम के कप्तान इयोन मोर्गन से वेंकटेश को मौका देने की सिफारिश की। इसके बाद कोच ब्रेंडन मैकुलम वेंकटेश की प्रतिभा से प्रभावित हुए। वेंकटेश का आत्मविश्वास उसकी बड़ी ताकत है। सामने बड़े से बड़ा गेंदबाज हो, वह विचलित नहीं होता। जब मौका मिला तो उसने अपनी क्षमता दर्शा दी। इसके बाद जो हुआ, वह सबने देखा।' दिनेश बताते हैं, 'वेंकटेश का सुबह फोन आया। उसे टीम प्रबंधन ने स्पष्ट कहा है कि अपने अंदाज में बल्ला चलाओ। मैंने उसे समझाया था कि ज्यादा रिवर्स स्वीप मत खेलना तो उसने इसका ध्यान रखा। विकेट पर गेंद रुककर आ रही थी। दुबई का विकेट शारजाह की तुलना में बेहतर है। वहां बल्लेबाजों को मदद मिलती है तो बड़े स्कोर वाला मैच होगा। ऐसे में वेंकटेश फिर अच्छा प्रदर्शन करेगा, इसका भरोसा है।'

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