खोजी/सुभाष कोहली कालका। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक जनता दरबार में कहा था कि प्रदेश के अधिकारी लोगों की शिकायत का समाधान करने की बजाए इधर-उधर घुमाने की नीति को छोड़कर शिकायत को गम्भीरता से लेक
र तुरंत समाधान करने का प्रयास करें। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि अधिकारियों को आमजन की शिकायत अपने रजिस्टर में दर्ज करनी होगी और बकायदा सम्बंधित व्यक्ति को रसीद नंम्बर भी देना होगा ताकि शिकायतकर्ता इस रसीद को सबूत के तौर पर प्रस्तुत कर सके। इस सरकार के राज में आम नागरिक को न्याय देना और छोटी से छोटी समस्या का समाधान करना प्राथमिकता है। परंतु देखने में आया है कि मुख्यमंत्री का निर्देश केवल फाइलों में ही सिमट कर रह गया है। कुछ विभागों के कर्मचारी मुख्यमंत्री के निर्देशों की अवहेलना करते देखे गए हैं। कालका स्थित बसंत विहार जनकल्याण समिति के प्रधान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि वह दिनांक 30-09-2021 को एक पत्र सब डिविजनल हॉस्पिटल कालका के कार्यालय में देने के लिए गया था। परंतु दिए गए पत्र की रसीद नंम्बर देना तो दूर, सम्बंधित कर्मचारी संजीव ने पत्र प्राप्त कर उसकी कॉपी पर कार्यालय की रबड़ स्टैम्प लगाने से भी इंकार कर दिया। सुरेंद्र सिंह द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी संजीव ने केवल अपने हस्ताक्षर कर पत्र की कॉपी उसे लोटा दी। समिति के अन्य पदाधिकारी सुभाष चंद्र व अरुण दीवान भी सुरेंद्र सिंह के साथ थे। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुछ सरकारी विभागों के कर्मचारी जानबूझकर मुख्यमंत्री के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि अन्य कुछ सरकारी विभागों के कर्मचारी भी, व्यक्ति द्वारा दिए गए पत्र की कॉपी पर कार्यालय की रबड़ स्टैम्प लगाने से इंकार कर देते हैं। सुरेंद्र सिंह की एसडीएम कालका से अपील है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना करवाते हुए शीघ्र ही सरकारी विभागों के अधिकारियों को इस सम्बंध में उचित निर्देश जारी किए जाएं।
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