खोजी/सुभाष कोहली कालका। सेंट विवेकानंद मिलेनियम स्कूल ने गांधी जयंती के उपलक्ष में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत गांव, झुग्गी-झोपडियों, सरकारी विद्यालय, नदी के तट पर जाकर सफाई की एवम् जन सामान
य को स्वच्छता एवम् पोषण के प्रति जागरूक किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने जीवन में आदर्शों को महत्वता दी है। उनका मानना था कि सामाजिक गंदगी को दूर करने के लिए झाड़ू का सहारा लेना आवश्यक है। दूसरे उन्होंने सामूहिक प्रार्थना पर बल दिया था। तीसरे उन्होंने आत्मनिर्भर होने व एकता पर बल दिया था। महात्मा गांधी के इन्हीं आदर्शो को अपनाते हुए विद्यालय के छात्रों ने भी सदैव की भांति बड़े ही सुनियोजित एवं पूर्व निर्धारित ढंग से स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस मनाया। विद्यालय द्वारा छात्रों को भिन्न-भिन्न दलों में पृथक किया गया। प्रथम दल ने परिसर के अंदर एवं आसपास के स्थानों पर स्वच्छता कार्य किया। इस दौरान छात्र बहुत उत्साहित नजर आए। इसी उत्साह के साथ उन्होंने अपनी कक्षाओं, मैदानों एवं विद्यालय के बाहरी परिसर में स्वच्छता कार्य किया। दूसरे दल ने सुदूर शिवालिक की पहाड़ियों में स्थित जबरोट के सरकारी विद्यालय में जाकर वहां के विद्यार्थियों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। वहां छात्रों को हाथ धोने की सही विधि एवं इस ऋतु परिवर्तन समय में किस प्रकार का भोजन करना चाहिए, इस विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया। इसी दल ने हिमशिखा के समीप स्थित झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर वहां रहने वालों को भी स्वच्छता एवं पोषण के प्रति जागरूक किया। तीसरे दल ने कौशल्या बांध के समीप नदी के किनारे जाकर स्वच्छता कार्य किया। वहां छात्रों ने प्रत्यक्ष प्लास्टिक के दुष्परिणामों को देखा। छात्रों ने नदी के तट पर इधर-उधर बिखरी हुई प्लास्टिक की भिन्न-भिन्न वस्तुओं को इकट्ठा किया एवं सुरक्षित स्थान पर उसे रख दिया। इस दौरान विद्यार्थियों ने कोविड-19 के सभी मानकों का पूरी तरह से पालन किया। सभी ने हाथों में दस्ताने एवं मुंह पर मास्क पहने हुए थे। प्रधानाचार्य पीयूष पुंज ने सभी बच्चों व अध्यापकों के इस जज्बे को सराहा और कहा कि गांधी जी का जीवन आदर्शों की खान था। यह दिन केवल आज के लिए उपयोगी नहीं है अपितु हमें संपूर्ण जीवन में स्वच्छता को अपनाने का प्रण ले लेना चाहिए, यह स्वच्छता केवल शरीर बल्कि मानसिक स्वच्छता से भी जुड़ी हुई है। हमारे आदर्श स्वामी विवेकानंद का भी यही विचार था कि स्वयं को इतना मजबूत बना लो कि कोई भी गंदगी तुम्हें बिखेर ना सके। इसलिए आज से हम सभी यह शपथ लेते हैं कि हम अपने आसपास हमेशा सफाई रखेंगे। प्रधानाचार्य द्वारा सभी अध्यापकों छात्रों एवं कर्मचारियों को 2 अक्टूबर के अवसर पर अपने घर एवं आसपास के स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाने का भी आह्वान किया।
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