नई दिल्ली, । आधुनिक समय में उच्च रक्तचाप सामान्य बात है। इस बीमारी में दिल की धमनियों में रक्त संचरण बड़ी तेजी से होने लगता है। इसके चलते व्यक्ति को सीने में दर्द, सांस लेने मे तकलीफ, सिर में तेज
र्द और थकान आदि की समस्या होती है। देश में उच्च रक्तचाप भी बड़ी तेजी से पैर पसार रहा है। खासकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष दोनों इसके शिकार हो रहे हैं। सामान्यतः 140/90 से ऊपर के रक्तचाप को हाइपरटेंशन कहा जाता है। जबकि, 180/120 से ऊपर के दबाव को खतरनाक माना जाता है। उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण नहीं होता। अगर इलाज में कोताही बरतते हैं, तो इससे हृदयरोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए व्यक्ति को दिनचर्या में सुधार करना चाहिए। साथ ही संतुलित आहार लें और तनाव और चिंता से दूर रहें। इसके अलावा, रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें। इस बात की पुष्टि से University of California San Francisco की शोध से होती है। इस शोध में हाइपरटेंशन से निजात पाने के लिए एक हफ्ते में 5 घंटे एक्सरसाइज करने की सलाह दी गई है। इससे पहले शोध में 10 घंटे एक्सरसाइज करने की सलाह दी गई थी। इस शोध में आगे बताया गया है कि 30 वर्ष के बाद व्यक्ति शैक्षणिक और कॉलेज परिसर से बाहर हो जाता है। इसके चलते शारीरिक गतिविधि बहुत धीमी हो जाती है। इस वजह से युवा टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, मोटापा के शिकार हो जाते हैं। उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इससे हृदयघात और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह ह्रदय रोग के हॉलमार्क लक्षणों में से एक है। कई शोध में खुलासा हो चुका है कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से हृदय रोग, डायबिटीज और कई प्रकार के कैंसर का जोखिम कम हो जाता है। साथ ही एक्सरसाइज उच्च रक्तचाप को रोकने में भी मदद करती है। इससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है। डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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