नई दिल्ली, । शीर्ष अदालत के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट के लिए कॉमिक आर्टिस्ट रचिता तनेजा पर आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा।जस्
िस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की खंडपीठ ने गुरुवार को इस तथ्य पर संज्ञान लिया कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कॉमिक कलाकार के खिलाफ लॉ स्टूडेंट आदित्य कश्यप द्वारा दायर याचिका पर पर अपनी मंजूरी दे दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई सुनवाई में, वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा द्वारा कहा गया कि ट्वीट्स में मामले के गुण- दोष पर थोड़ी सी भी चर्चा नहीं की गई, बल्कि अदालत की कार्यवाही को सनसनीखेज बनाया गया। हमारे पास अटॉर्नी जनरल की स्पष्ट राय है कि यहां अवमानना का मामला बनता है। उन्होंने कहा कि अटॉर्नी जनरल की राय है कि ट्वीट जानबूझकर न्यायपालिका में जनता के विश्वास को खत्म करने के इरादे से किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट अब शुक्रवार को आदेश सुनाएगा कि क्या रचिता तनेजा के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए। वेणुगोपाल ने कश्यप को तनेजा के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अपने सहमति दे दी थी। उन्होंने पत्र में कहा, 'मैं मानता हूं कि कार्टून से जुड़े प्रत्येक ट्वीट भारत के सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने वाले थे और इसलिए मैं अवमानना कानून 1971 के तहत कार्यवाही शुरू करने की अपनी सहमति देता हूं। 'सेनेटरी पैनल' नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करने वाली रचिता तनेजा ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को जमानत देने के बाद सुप्रीम कोर्ट का एक कार्टून बनाया था। गोस्वामी को मुंबई के आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उसकी मां की आत्महत्या के मामले में जमानत दे दी थी। नाइक और उसकी मां ने 2018 में आत्महत्या कर लिया था। बता दें कि अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की मंजूरी जरूरी होती है।
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