पानी ठहरेगा जहां, मच्छर पनपेगा वहां, डेगू मलेरिया एवं चिकनगुनिया संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है : सीएमओ डा. सुरेन्द्र यादव नूंह , 24 सितंबर : उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि मच्छर के का
ने से डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी घातक बीमारियां होती हैं। उन्होंने कहा कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के प्रति लोगों का जागरूक होना जरूरी है। इसके लिए अपने आस-पास पानी इक्कटा न होने दे। कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि मानसून में सबसे ज्यादा परेशान मच्छरों से होने वाली बीमारियां करती हैं। ऐसी ही एक बीमारी का नाम है मलेरिया। यह बीमारी फीमेल एनोफेलीज मच्छर के काटने से होती है। इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द, कमजोरी, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस बीमारी से बचने के लिए व्यक्ति को पूरी तरह ढके हुए कपड़े पहनने चाहिए। इसके अलावा अपने आसपास साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। घर के आसपास जलभराव न होने दें। समय-समय पर मच्छरों को दूर रखने के लिए घर की नालियों के आसपास स्प्रे करवाते रहें तथा नालियों में काला तेल डालते रहें ताकि लार्वा पैदा न हो। मच्छरों के बचाव के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहने, सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग का प्रयेाग करें मच्छर नाश्क क्रीम का प्रयोग करें व घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर उपयुक्त जाली इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि मानसून में मच्छरों से होने वाली डेंगू दूसरी गंभीर बीमारी है। डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते है। इस बुखार से पीडि़त व्यक्ति में सिरदर्द, रैशेज, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, कमजोरी, चक्कर आने जैसे लक्षण दिखाई देते है। डेंगू से पीडि़त व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट लेनी चाहिए। इसके अलावा इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपरोक्त के अलावा मानसून में एडिस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होता है। इस बीमारी के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते होते हैं। यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय काटते है। सिरदर्द, आंखों में दर्द, नींद न आना, कमजोरी, शरीर पर लाल चकत्ते बनना और जोड़ों में तेज दर्द इस बीमारी के लक्षण है। इस बीमारी से बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखें ताकि आपके आस-पास मच्छर न पैदा हो सके। उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने जिलावासियों से आग्रह किया है कि मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए पानी के बर्तन, टंकी, घड़ों आदि को ढककर रखे और सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, फ्रिज की ट्रे, पशु व पक्षियों के बर्तन व ड्रमों को खाली करके सुखाएं और फिर उनमें पानी डाले। शरीर को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहने। ठहरे पानी में लारवा नाशक दवा डाले। उन्होंने बताया कि जहा पानी ठहरेगा। वहीं मच्छर पनपेगा और यदि हम पानी ठहरने न हीं देंगे तो मच्छर भी पैदा नहीं होगा। सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र यादव ने बताया कि जिला में प्रति दिन फोगिंग का कार्य जारी तथा मलेरिया विभाग के कर्मचारी लोगों को डेंगू, मलेरिया के बारे में जानकारी भी दे रहें है। सिविल सर्जन ने कहा कि जहां पर पानी खड़ा हो वही पर यह मच्छर पनपता है। जिस घर के पास पानी खड़ा है उसके आस-पास के लोगों को चाहिए कि वे पानी को खड़ा न होने दे बीच-बीच में काला तेल भी डालते रहें। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वयं यह कदम उठाना होगा तभी वे डेंगू, मलेरिया बिमारी से बच सकेगें। उन्होंने कहा कि सप्ताह में एक ड्राई डे भी मनाए। उन्होंने बताया कि मलेरिया की पुष्टि होने पर पीएफ के लिए तीन की दवाई खाए व पी.वी. के लिए 14 दिन की दवाई खाएं। उन्होंने बताया कि समान्य अस्पताल मांडीखेड़ा, शहीद हसन खां कालेज नल्हड़ में डेंगू की मुफ्त जांच की जाती है। डा. सुरेन्द्र यादव ने बताया कि मच्छर जनित बीमारियों की जानकारी, सुझाव, शिकायत व बचाव के लिए अपने जिले के 9254333102 फोन नंबर पर फोन करके संपर्क कर सकते है।
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