संभावित टी.बी. रोगियों की पहचान का कार्य जारी - सूचनात्मक प्रोत्साहन के रूप में मिलेंगे 500 रुपये नूंह 19सितंबर : उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने टीबी के रोगियों को अस्पतालों तक पहुंचाने का आह्व
न जिला वासियों से किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सितंबर-अक्टूबर माह में विशेष टीबी अभियान चलाया जा रहा है। कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है। उपायुक्त ने कहा कि अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम चयनित स्थानों पर घर-घर जाकर संभावित टीबी रोगियों को चिह्नित करने का कार्य कर रही है, ताकि उनका समुचित उपचार हो सके। सर्वे के दौरान जिस भी घर में किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, भूख कम लगना, लगातार वजन में गिरावट तथा बलगम में खून आदि लक्षण मिलेंगे उन्हें संभावित टीबी रोगी मानते हुए चिह्नित किया जाएगा। -रोगी का उपचार सभी संस्थानों पर नि:शुल्क डी सी ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी रोगी का उपचार समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों पर नि:शुल्क उपलब्ध है, जिसमें रोगी को नि:शुल्क दवा के साथ निक्षय पोषण योजना के तहत सभी रजिस्टर रोगियों को उपचार अवधि तक प्रतिमाह 500 रुपए की पोषण राशि भी दी जा रही है। पोष्टिक आहार भत्ता सीधा संबंधित मरीज के बैंक खाते में जाता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि टीबी मरीज को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि की जाती है। कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि देश में टीबी के प्रति वर्ष 27 से 28 लाख मरीज पाए जाते हैं, जिनमें से लगभग साढे 4 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से 0120-6215600 तथा टोल फ्री नंबर 1800-11-6666 पर कोई भी व्यक्ति टीबी से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है।
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