तावडू, 18 सितंबर (दिनेश कुमार): आज के इस बदलते युग में व्यक्तित्व विकास की अपनी अहम भूमिका है। व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व को निखारना चाहिए। हर व्यक्ति को बुराईयों को छोडकर सदगुणों को अपनाना चाह
ए। यह विचार पंजाबी समाज के प्रधान प्रमोद आहुजा ने रखे। उन्होंने बच्चों में उनके विद्यार्थी जीवन में आ रहे अवगुणों को दूर करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि झूठी प्रशंसा व्यक्तित्व का अवगुण है। उन्होंने कहा कि हमें सदा एक दूसरे की बुराईयों को नहीं देखना चाहिए। बल्कि उनमें मौजूद सदगुणों, अच्छी बातों, विचारों को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को व्यक्तित्व विकास के संबंध में अच्छे व्यक्तित्व के गुर सीखने चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने बडों का आदर करना चाहिए व उनसे कुछ न कुछ अच्छी बातें सीखनी चाहिएं।
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