नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत है और हाल के अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने चुनौत
को और बढ़ा दिया है। पीएम मोदी ने आनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए ईरान को एससीओ का नया सदस्य देश बनने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा, इस साल हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह खुशी की बात है कि इस शुभ अवसर पर हमारे साथ नए मित्र जुड़ रहे हैं। मैं ईरान का एससीओ के नए सदस्य देश के रूप में स्वागत करता हूं। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएं हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत तंत्र विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।' यह बैठक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में चल रही है। इसमें भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान और कुछ मध्य एशियाई देश भी शामिल हुए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मीटिंग के लिए दुशांबे में उपस्थित हैं। बैठक में पीएम मोदी ने रुपये कार्ड, यूपीआइ और कोविन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, चाहे वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए यूपीआइ और रुपेय कार्ड जैसी तकनीक हों, या कोविड से लड़ाई में हमारे आरोग्य-सेतु और कोविन जैसे डिजिटल प्लेटफार्म्स इन सभी को हमने स्वेच्छा से अन्य देशों के साथ भी साझा किया है। इस बैठक में भारत क्षेत्रीय सुरक्षा खासकर अफगानिस्तान के राजनीतिक हालात, कोरोना महामारी का असर, एससीओ के सदस्यों की संख्या बढ़ाने और बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करेगा। इनके अलावा भारत एससीओ की आतंकरोधी नीतियों, आर्थिक सहयोग और एससीओ देशों में जनता के बीच संबंधों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा करेगा। बता दें कि पिछले हफ्ते ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग की मौजूदगी में कहा था कि कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए। चीन इस मांग को लेकर काफी सख्त रहा है।
Comments