खोजी/सुभाष कोहली कालका। कालका-पिंजोर में आए दिन कोई न कोई आवारा पशुओं के साथ हादसा होता रहता है। समाजसेवी सचिन शर्मा ने बताया कि ज़्यादातर लोग गाय को अपने घर में तब तक रखते है जब तक वह दूध देती
ै, उसके बाद उसे सड़कों पर आवारा छोड़ देते है। जिसकी वजह से पशुओं के साथ तो हादसा होता ही है व आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इंसान तो अपना उपचार करवा लेता है, पर बेज़ुबान जानवरों को रात के समय पर ठीक से उपचार नहीं मिल पाता। आसपास बनी गौशालाएं भी रात को फ़ोन उठाने से कतराती हैं व उनके पास कोई न कोई बहाना रहता है। प्रशासन से भी रात के समय में न के बराबर मदद मिलती है। जो काम 30 मिनट का होता है उसे करने में 4 घंटे लगते हैं। कई बार फ़ोन करने पर अधिकारी समस्या का संज्ञान लेते है। समाजसेवी सचिन शर्मा ने पशुओं के लिए कालका नगर परिषद से पिकअप की व्यवस्था की माँग की व आवारा पशुओं को छोड़ने वालों पर भी सख़्ती से प्रशासन द्वारा कार्य करने की माँग की है।
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