संस्था के सदस्य घरों में पड़े कवाड़ को पौधों के लिए गमलों एवं पक्षी मित्रों के लिए घोंसलों के रूप में उपयोग कर रहे हैं।

Khoji NCR
2020-11-16 08:08:15

मुकेश कुमार पलवल हसनपुर :- पर्यावरण सचेतक समिति , पलवल प्रकृति बचाओ अभियान के तहत वर्षों से कार्य कर रही है। संस्था के सदस्य घरों में पड़े कवाड़ को पौधों के लिए गमलों एवं पक्षी मित्रों के लिए घो

सलों के रूप में उपयोग कर रहे हैं। साथ ही लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का कार्य भी संस्था कर रही है। घरों में पड़े विभिन्न प्रकार के डब्बों एवं प्लास्टिक की बोतलों को इधर- उधर फैंकने की वजाय उनको डिजाइनों में काटकर मिट्टी भरें और छोटे- छोटे पौधे लगाकर यथोचित स्थानों पर लगा सकते हैं। ऐसा करने से व्यर्थ पदार्थों का सदुपयोग के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया जा सकता है। कचरा इधर- उधर फेंकने की जरूरत नहीं होगी और इससे वातावरण शुद्धि के साथ फूलों से सुन्दरतापूर्ण दृश्य बना रहेगा। घरों में बिना किसी खर्चे के पौधे लगाने के प्रति लोगों की रूचि के साथ और अनेकों फायदे हैं। संस्था के सदस्य घर पर पौधे तैयार करके प्लास्टिक की खाली बोतलों को गमलों के रूप में पौधे लगाकर लोगों को उपहार में दे रहे हैं। पर्यावरण सचेतक समिति के संयोजक आचार्य राम कुमार बघेल द्वारा वह रामा- श्यामा तुलसी, घृतकुमारी एलोवेरा, सदाबहार आदि अन्य औषधि एवं फूलों के उपयोगी पौधों को शहर के मंदिरों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर वितरण कर रहे हैं। हर घर में पौधे होने का संकल्प लेकर संस्था कार्य कर रही है। मातृशक्ति से अपील करते हुए आचार्य राम कुमार बघेल का कहना है कि करवाचौथ पर पति और अगोईअष्ठमी पर बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की प्रार्थना करने वाली माताएं अब उन करवों को पर्यावरण संरक्षण के लिए पक्षी मित्रों के घोंसलों में उपयोग कर सकती हैं। प्रकृति संतुलन के लिए हम सभी का थोड़ा- थोड़ा सहयोग ही महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है। इन प्रयासों से ही समाज और देशहित में कार्य कर जन क्रांति से हरित क्रांति को लाया जा सकता है। मॉस्टर थानसिंह, एडवोकेट संजय कुमार, डॉ0 चरण सिंह, अमरपाल, विक्रम, श्रीचंद पुजारी, ईश्वरराज, चंद्रपाल कोच, देव योगी, गजेंद्र, महेश जोगी, हंसराज आदि का महत्वपूर्ण योगदान है।

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