उत्‍तर प्रदेश और पंजाब से पहुंचे किसान, भारी संख्या में अर्धसैनिक व पुलिस बल तैनात

Khoji NCR
2021-09-10 07:39:50

करनाल,: किसानों द्वारा जिला सचिवालय के बाहर डाला गया पड़ाव चौथे दिन में प्रवेश कर गया है। सुबह होते ही बड़ी संख्या में किसान जुटना शुरू हो गए। उत्‍तर प्रदेश और पंजाब से भी किसान पहुंच रहे हैं।

ालांकि सुबह 12 बजे तक कोई बड़ा नेता धरनास्थल पर नहीं पहुंचा था। स्थानीय स्तर के किसान नेताओं जगदीप सिंह ओलख, राजपाल चहल आदि ने धरना दे रहे किसानों में जोश भरना शुरू किया। आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आधी रात तक किसानों के बीच रहे। वहीं आज भी उनके साथ-साथ पंजाब व आसपास के प्रदेश नेताओं द्वारा किसानों को संबोधित किए जाने की संभावना जताई जा रही है। आसपास के गांवों से भी किसान सुबह ही पहुंचना शुरू हो गए। लंगर सेवा भी शुरू कर दी गई। सुबह चाय नाश्‍ते से लेकर दोपहर के खाने के लिए भी व्यवस्था की जाने लगी। उधर कानून व्यवस्था बनाए रखने के चलते जिला सचिवालय के चारों ओर भारी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल तैनात किए हुए हैं। करनाल के एसपी गंगा राम पूनिया व पानीपत एसपी शशांक कुमार सावन ने पुलिस कर्मियों को अलर्ट रहने को लेकर दिशा-निर्देश दिए। इंटरनेट सेवा शुरू करनाल में इंटरनेट सेवा शुरू हो चुकी है। किसान महापंचायत के बाद विरोध के चलते तीन दिन से इंटरनेट सेवा बंद थी। शुक्रवार सुबह इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। सहायक जिला पीआरओ रघुबीर सिंह ने कहा, अभी सेवाओं को फिर से बंद करने की कोई योजना नहीं है। बता दें कि लाठीचार्ज के विरोध में किसान करनाल लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। लगातार तीसरे दिन इंटरनेट बंद रहने का असर अब कारोबारी गतिविधियों से लेकर आम जनजीवन पर साफ दिखाई पड़ रहा था। आर्डर न होने से होम डिलीवरी का काम तकरीबन ठप पड़ चुका था। विद्यार्थियों से लेकर सरकारी और गैर सरकारी कामकाज से जुड़े लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई थी। व्यापारी नेता बजरंग गर्ग ने दावा किया है कि जिले में अब तक साठ करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो चुका है। करनाल के लघु सचिवालय के समक्ष धरना दे रहे किसानों के आंदोलन के चलते इंटरनेट सेवाएं लगातार बंद थी। हालांकि, वीरवार की देर रात से सुबह तक कुछ कंपनियों की इंटरनेट सेवा शुरू तो हुई लेकिन नौ बजे के बाद इन्हें एक बार फिर पूरी तरह बंद कर दिया गया। इससे लोगों के आनलाइन कामकाज की चाल तकरीबन पूरी तरह ठप पड़ गई थी। आलम यह है कि आनलाइन आर्डर पर होम डिलीवरी करने वाले युवा राइडरों को कोई काम नहीं मिल रहा था। वे दुकानदार भी परेशान थे, जिनके काम का बड़ा हिस्सा आनलाइन ही चलता था। पेट्रोल पंप पर अब कार्ड स्वैपिंग नहीं हो रही तो माल से लेकर अन्य दुकानों में भी कमोबेश यही हाल था। लोगों को आर्डर न होने से अलग अलग आइटम घर पर नहीं मिल पा रहे थे। कई लोगों के अस्थाई रोजगार पर सीधा असर दिख रहा था। माना जा रहा है कि करनाल में औसतन अकेले खाद्य व पेय पदार्थों के रोजाना करीब ढाई-तीन हजार आर्डर आनलाइन किए जाते थे। इससे करीब पांच से सात लाख रुपये का कारोबार होता था, जो अब तकरीबन पूरी तरह ठप पड़ चुका था। सैकड़ों युवा अचानक बेरोजगार हो गए थे। दुकानदारों का कहना है कि आर्डर न मिलने से लगातार नुकसान हो रहा था। सरकार को चाहिए कि इंटरनेट सेवा बहाल करे, जिससे काम आगे बढ़ सके।

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