महेंद्र सिंह धौनी को T20WC 2021 के लिए क्यों बनाया गया है टीम इंडिया का मेंटर, पूर्व भारतीय क्रिकेटर का खुलासा

Khoji NCR
2021-09-09 11:08:48

नई दिल्ली, । यूएई और ओमान में 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे टी20 वर्ल्ड कप 2021 के लिए टीम इंडिया का एलान चेतन शर्मा की अगुआई में भारतीय सेलेक्शन कमेटी ने बुधवार को किया। इस वर्ल्ड कप में सेलेक्टर्स ने कई

हैरान करने वाले फैसले किए जिसके तरह कुछ खिलाड़ियों को टीम में जगह नहीं दी गई तो वहीं जिसकी उम्मीद नहीं थी, उन्हें दल में शामिल किया गया। इस बार का सबसे बड़ा सरप्राइज ये रहा कि, टीम के मेंटर टीम इंडिया के सबसे सफल पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को बनाया गया। हालांकि धौनी ने ये साफ कर दिया है कि, वो इस भूूमिका में सिर्फ इस वर्ल्ड कप तक के लिए ही रहेंगे, लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि, उनकी क्रिकेटिंग ब्रेन व अनुभव का फायदा भारतीय टीम को यूएई में जरूर मिलेगा। बीसीसीआइ सेक्रेटरी जय शाह ने बताया था कि, पहले दुबई में उनकी बात धौनी से हुई और फिर उनके हामी करने के बाद टीम के कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री, मैनेजमेंट सबके साथ चर्चा करने व सबके राजी होने के बाद उनके नाम पर मेंटर के तौर पर मुहर लगाई गई। धौनी हालांकि अभी आइपीएल में खेल रहे हैं, लेकिन वो 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर हो गए थे। अब धौनी को आखिर इस रोल के लिए क्यों चुना गया इसके बारे में टीम इंडिया के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर द फालो ब्लूज में बात करते हुए कहा कि, मूझे यकीन है कि, उनकी भूमिका तय हो जाएगी। आपको मुख्य कोच मिल गया है, आपको सहायक कोच मिल गया है, आपको गेंदबाजी कोच मिल गया है। इसलिए मुझे यकीन है कि विराट कोहली या रवि शास्त्री में से कुछ ऐसा होना चाहिए जो उनके पास पहले से मौजूद चीजों से अलग हो क्योंकि भारत टी20 क्रिकेट में काफी सफल रहा है। ऐसा नहीं है कि भारत ने टी20 क्रिकेट में संघर्ष किया। अगर भारत टी 20 क्रिकेट में संघर्ष करता, तो उन्हें बाहर से किसी को लेना पड़ता। गंभीर ने कहा कि, धौनी का अनुभव साथ ही हाई वोल्टेज मुकाबले में उनके प्रेशर हैंडल करने की क्षमता की वजह से ही उन्हें मेंटर की भूमिका के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि, यह सिर्फ उन अहम मैचों में दवाब को संभालने के बारे में है क्योंकि भारत वास्तव में उन अहम मुकाबलों में खासतौर से नाकआउट मैचों में चूक गया है। ऐसे में धौनी कैसे उस दवाब को संभालते थे इसका फायदा युवा खिलाड़ियों को मिल सकता है।

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