चौधरी ने डिस्पेंसरी की रेनोवेशन के लिए स्वास्थ्य मंत्री से लगाई गुहार। खोजी/सुभाष कोहली कालका। टगरा हरिसिंह में सरकारी डिस्पेंसरी जर्जर हालत में होने से आसपास के गांववासियों को बेहद परेश
नियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय समाजसेवी व टगरा साहू निवासी घनश्याम दास चौधरी का कहना है कि पिछले लगभग 15 सालों से डिस्पेंसरी का बुरा हाल है। डिस्पेंसरी के चारों तरफ बड़ी-बड़ी झाड़ियां व घास उगी हुई है, शौचालय का बुरा हाल है। मरीजों के बैड टूटी-फूटी हालत में है, खिड़कियां-दरवाजे टूटे पड़े हुए हैं, सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। डॉक्टर के बैठने के लिए कोई फर्नीचर की व्यवस्था नहीं है, जब दिल किये आ जाते हैं, कोई दिन निर्धारित नहीं कर रखा है। स्थानीय गांववासी व समाजसेवी गगन सिंह चौहान ओर डिम्मी गुर्जर का कहना है कि टगरा हकीमपुर, टगरा साहू, टगरा कंगन, टगरा हरिसिंह, टगरा कलीराम, टगरा हंसुआ व साथ लगती कालोनियों के सभी निवासी इसी डिस्पेंसरी पर ही निर्भर थे। परंतु डिस्पेंसरी की हालत जर्जर होने के कारण लोगों को अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों में धक्के खाने पड़ रहे हैं। चौधरी का कहना है कि गांववासियों के बीमार होने पर या इमरजेंसी की हालत में उन्हें इलाज के लिए कालका या पिंजौर के सरकारी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, या फिर निजी अस्पतालों में दाखिल होने पर आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। चौधरी का कहना है कि सब डिविजनल अस्पताल कालका केवल रेफर अस्पताल बनकर रह गया है। मरीज को केवल फर्स्ट ऐड देने के बाद पंचकूला सेक्टर 6 रेफर कर दिया जाता है। चौधरी ने बताया कि इस डिस्पेंसरी की जर्जर हालत बारे सम्बंधित अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन किसी ने भी सुध नहीं ली। चौधरी की स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग है कि शीघ्र ही इस डिस्पेंसरी बिल्डिंग की रेनोवेशन करवाकर स्थाई तौर पर डॉक्टर व सम्बंधित कर्मचारियों की नियुक्ति करवाई जाए, जिससे गांववासियों को सरकारी डिस्पेंसरी की सुविधा मिल सके और परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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