नारनौल 4 सितंबर। महेंद्रगढ़ जिला में लुप्त हो चुकी नदियों को पुनर्जीवित करके राज्य सरकार ने लोगों को बहुत बड़ा तोहफा दिया है। 25 साल के अरसे के बाद जिला की बरसाती नदियों में इतनी मात्रा में पान
देखने को मिला है। 20 दिन और नहर चली तो क्षेत्र में कई वर्षों पहले बंद हो चुके ट्यूबवेल दोबारा शुरू हो जाएंगे। यह जानकारी देते हुए सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता सुरेश यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार ने विगत वर्षों महेंद्रगढ़ जिला में भूमिगत जल स्तर की गिरावट की चिंता करते हुए बरसाती नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रोजेक्ट तैयार किया था। इन नदियों को जोड़ने के बाद इस बार रिकॉर्ड स्तर पर नदियों में पानी चला है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न एस्केप के माध्यम से बरसाती नदियों को जोड़ा गया है। बारिश के मौसम में जब मध्य हरियाणा में बाढ़ जैसी स्थिति आती है तब यहां पर 3 महीने तक लगातार नहरें चलती हैं। इस बार यह प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद पहली बार कृष्णावती व दोहान नदियों में बहुत अधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया है। कृष्णावती व दोहान नदियों में रिचार्जिंग के लिए इंजेक्शन प्रणाली लगाई गई है। इससे तेज गति से पानी जमीन के अंदर जा रहा है। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता केके यादव ने बताया कि रिचार्जिंग के लिए दोहन नदी को जोड़ा गया है। डेरोली अहीर के पास नारनौल शाखा पर एक जल निकासी का सिस्टम बनाया गया है। इससे आसपास के गांव की भूमि अर्थात डेरोली अहीर, डेरोली जाट, कोथल कलां, कोथल खुर्द, भांडोर निची, भांडोर उंची, जासावास, डुलाना, बेरी, जाटवास, माजरा और महेंद्रगढ़ शहर के आसपास का जलस्तर बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से नहर का पानी दोहन नदी में बह रहा है। यह पानी महेंद्रगढ़ में डुलाना रोड को पार करते हुए लगभग 16 किमी दूर तक फैला है। उन्होंने बताया कि लगभग 25 साल के लंबे अंतराल के बाद इन नदियों में इतनी मात्रा में पानी आया है। सिंचाई विभाग और पंचायतों ने नदी के किनारे 16 से अधिक तालाबों का निर्माण भी करवाया गया है जो रिचार्जिंग में मददगार साबित होंगे। उन्होंने बताया कि इस बार महेंद्रगढ़ शहर में जब पानी पहले दिन पहुंचा तो आसपास के लोग हर रोज उत्सुकता से इस नहर किनारे पानी को देखने पहुंच रहे हैं।
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