लैंसेट जर्नल की रिसर्च में दावा, 50% मरीजों में ठीक होने के बाद भी दिख रहे हैं कोरोना के लक्षण

Khoji NCR
2021-08-31 09:06:55

कोरोना से रिकवर होने के सालभर बाद भी 50 परसेंट मरीजों में उसके कोई न कोई लक्षण जरूर दिख रहे हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत और थकान। ये लक्षण उन मरीजों में खासतौर से देखने को मिल रहे हैं जिन्हें को

रोना होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा था। प्रख्यात साइंस जर्नल द लैंसेट में पब्लिश्ड रिसर्च के अनुसार, हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले कोरोना पेशेंट्स सालभर बाद कैसा फील कर रहे हैं, उनमें कौन से लक्षण दिख रहे हैं। इस पर चीन के नेशनल सेंटर फॉर रेस्पिरेट्री मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी की है। रिसर्च में देखा गया कि वैसे तो सालभर के अंदर मरीजों में ज्यादातर लक्षण दिखना बंद हो गए, लेकिन कोरोना के चलते हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले मरीज उन लोगों की तुलना में कम हेल्दी थे जो कभी कोरोना का शिकार नहीं हुए। शोधकर्ता बिन काओ कहते हैं, कुछ मरीजों को सही तरीके से ठीक होने में सालभर तक लग सकते हैं। फिर अगले 6 माह के अंदर दोबारा सीटी स्कैन कराने की सलाह दी गई। जिसमें 118 मरीजों ने 12 महीने के बाद दोबारा स्कैन कराया। रिपोर्ट में आया कि कुछ मरीज एक साल भी सही तरीके से रिकवर नहीं हुए थे। 1733 मरीजों पर हुई रिसर्च रिसर्चर्स ने चीन के वुहान में कोरोना के 1733 पेशेंट्स पर रिसर्च की। ये वो मरीज थे जो कोरोना की चपेट में आने के बाद रिकवरी के लिए 6 महीने तक हॉस्पिटल में भर्ती रहे थे। इनमें में 1276 मरीजों का अगले एक साल तक नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप किया गया। इनमें से एक तिहाई मरीज 12 महीने तक सांस लेने में दिक्कत का सामना कर रहे थे। महिला, पुरुषों में से कौन गंभीर? स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में 1.4 गुना ज्यादा थकान और मांसपेशियों में कमजोरी के मामले सामने आए। संक्रमण के 12 महीने बाद इनके फेफड़ों के बीमार होने का खतरा ज्यादा बना रहता है। कोरोना के जिन मरीजों को इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिया गया था उनमें 1.5 गुना तक थकान और मांसपेशियों में कमजोरी ज्यादा देखी गई।

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