नारनौल, । ऐतिहासिक नगरी नारनौल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। दिल्ली से राजस्थान जाने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यहां पर ढांचागत सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। इसी योजना पर मंथ
करने के लिए शुक्रवार देर शाम उपायुक्त अजय कुमार ने कैंप कार्यालय में पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उपायुक्त ने बताया कि दिल्ली से राजस्थान की ओर जाने वाले पर्यटक अभी तक केवल दिन में इन धरोहरों पर थोड़ा समय बिताते हैं और सीधे राजस्थान चले जाते हैं। यहां पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि ये पर्यटक रात को भी नारनौल में ठहरें। इसी बात के मद्देनजर यहां पर सुविधाएं मुहैया कराने पर विचार किया जा रहा है। डीसी ने कहा कि वे खुद इसी सप्ताह सभी ऐतिहासिक धरोहरों का निरीक्षण करेंगे और आगे की योजना को सिरे चढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर ये पर्यटक यहां रुकते हैं तो एक तरफ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा वहीं सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। उपायुक्त ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कौस्तुभ विराट देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि नारनौल को शेखावटी सर्किट से जोड़ा जाए ताकि विदेशी पर्यटकों के लिए नारनौल एक बड़ा टूरिस्ट प्लेस बन सके। उन्होंने बताया कि तीन धरोहर भारतीय पुरातत्व विभाग तथा सात धरोहर राज्य सरकार द्वारा संरक्षित हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कौस्तुभ विराट, अखिल भारतीय इतिहास संकलन के जिला प्रभारी रतनलाल सैनी, हरियाणा टूरिज्म से महेंद्र सिंह, पुरातत्व विभाग से अशोक कुमार, भारतीय पुरातत्व विभाग से सुरेंद्र कुमार के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आईआईटी खड़गपुर में ऐतिहासिक धरोहरों पर रिसर्च कर रहे नारनौल के छात्र सौरभ कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से नारनौल शहर में पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शहर को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिए एक साथ कई योजनाओं पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि ढांचागत सुविधाओं के साथ-साथ हमें सामाजिक ढांचे के लिए भी पॉलिसी बनानी होगी। इसमें पर्यटकों को विशेष रूप से सुरक्षित वातावरण देना शामिल है। उसी के अनुसार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण तथा यहां के नागरिकों का पर्यटनों के प्रति अच्छा व्यवहार शामिल है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह सभी ढांचागत सुविधाएं सबसे पहले मुहैया करानी होंगी। उन्होंने कहा कि जहां पर पर्यटकों को रोकने के लिए उनकी सुविधाएं तथा उनकी आदतों पर अच्छी तरह से रिसर्च करके योजना बनानी होगी। उन्होंने कहा किसी भी देश का पर्यटन क्षेत्र तभी कामयाब हुआ है जब पर्यटकों को जरूरत के अनुसार सुविधाएं व माहौल मिले। । नारनौल शहर में पर्यटन के क्षेत्र की संभावनाओं को तलाशने के लिए उपायुक्त अजय कुमार ने इसी बैठक के दौरान टाटा ट्रस्ट प्रोजेक्ट के तहत ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण पर काम कर रही निशा पूनिया के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। निशा पूनिया ने बताया कि नारनौल शहर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसे जल्द से जल्द विकसित किया जाना चाहिए। टाटा ट्रस्ट भी देश के सभी ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए काम कर रहा है।
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