नई दिल्ली, । विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्य़ूएओ) की मुख्य वैज्ञानिक डाक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि भारत कोरोना वायरस महामारी की एंडेमिक(Endemic) स्टेज की ओऱ बढ़ रहा है। मीडिय़ा रिपोर्टों के मु
ाबिक, उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी स्थानिकता(एंडेमिक) के चरण में प्रवेश कर रही है, जहां निम्न या मध्यम स्तर का संक्रमण जारी है। कोई बीमारी स्थानिक(एंडेमिक) अवस्था में तब मानी जाती है जब कोई आबादी, वायरस के साथ रहना सीख जाती है। यह महामारी(Pandemic) स्टेज से बहुत अलग है, जब वायरस एक आबादी में फैल जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या विश्वनाथन का कहना है कि भारत कोविड-19 के एंडेमिक स्टेज में पहुंच सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उतार और चढ़ाव के साथ भारत के अलग-अलग हिस्सों में कोविड केस नजर आएंगे। इस समय देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप अब कम हुआ है। फिलहाल हर रोज 30-40 हजार के बीच कोरोना मामले सामने आ रहे हैं और लगभग 500-600 लोगों की कोरोना से प्रतिदिन मौत हो रही है। ये आंकड़े किसी किसी दिन काफी कम आ रहे हैं। वैक्सीनेशन की बात करें तो 55 करोड़ से अधिक सिंगल या डबल डोज देश भर में लगाए जा चुके हैं। इन सबके बीच भारत में कोविड अब एंडेमिक स्टेज में जा सकता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि एंडेमिक क्या होता है- एंडेमिक(Endemic) का मतलब ये होता है कि कोई वायरस के फैलाव की प्रकृति अब स्थानीय हो सकती है। यानि ये वायरस अब यहां लंबे समय तक रहेगा। जबकि पैनडेमिक(Pandemic) स्टेड में जनसंख्या का बड़ा हिस्सा वायरस की चपेट में आता है। इस लिहाज से एंडेमिक स्टेज, पैनडेमिक(Pandemic) स्टेज के आगे का चरण कहलाता है। क्या होता है पैनडेमिक(Pandemic)? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस को पैनडेमिक यानी महामारी घोषित कर दिया था। महामारी उस बीमारी को कहा जाता है जो एक ही समय दुनिया के अलग-अलग देशों में लोगों में फैल रही हो। ये शब्द सिर्फ़ उन संक्रमणकारी बीमारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो बेहद तेज़ी से कई देशों में एक साथ लोगों के बीच संपर्क से फैलती हैं। इससे पहले साल 2009 में स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया गया था। स्वाइन फ्लू की वजह से कई लाख लोग मारे गए थे। क्या होता है एपिडेमिक(Epidemic)? एपिडेमिक(Epidemic) का मतलब होता है कि किसी बीमारी का सक्रिय रूप से फैलते जाना यानि लोगों को बीमार करना। लेकिन ये एक सीमित भू-भाग तक फैला होता है। इसलिए इसे एपिडेमिक(Epidemic) कहा जाता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लिए वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि भारत के आकार और जनसंख्या के स्वरूप में भिन्नता की वजह से कोरोना वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता अलग अलग है। हम ऐसी अवस्था में जा सकते हैं जहां वायरस के फैलने की दर कम या मध्यम होगी। फिलहाल वायरस के तेजी से फैलने की संभावना नजर नहीं आ रही है जो हम सबने कुछ महीने पहले देखा था। उन्होंने कहा कि 2022 के अंत तक भारत टीकाकरण के मामले में शानदार कामयाबी हासिल कर लेगा मान लीजिए की 70 फीसद लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो गया तो भारत सामान्य अवस्था की तरफ लौट जाएगा।
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