धार्मिक स्थल के प्रति मेवात की ख्याति देशभर में हुई व्याप्त नूंह: विश्व हिन्दू परिषद द्वारा 16 अगस्त को आयोजित की गई मेवात दर्शन यात्रा को सफल बनाने के लिए संगठन के पदाधिकारियों ने जिले के लोग
ों का आभार जताया है। दुर्गा वाहिनी की प्रांत सह संयोजिका नेहा सिंह ने कहा कि यह यात्रा पूरे देश मे मेवात के प्रति लोगों की सोच बदलने का काम करेगी। मेवात जिले को अब तक देश के पिछड़े क्षेत्रों के रूप में देखा जाता है। लेकिन इस यात्रा के बाद लोगों को पता लगा है कि यह भूमि देवतुल्य है और यहाँ अतीत में देवताओं का वास रहा है। लोग धार्मिक यात्राओं के लिए देश विभिन्न कोनों में जाते हैं। लेकिन अब लोगों का रुझान मेवात की ओर बढ़ेगा और यहां से पिछड़ेपन का कलंक खत्म होगा। प्राचीन नलहेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद यहां आए लोगों को पता लगा कि यहां कौरवों और पांडवों की सुलह कराने के लिए स्वयं श्रीकृष्ण आये थे। उसी समय उन्होंने पूजा के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी। राजा नल के समय उनकी कुलदेवी का मंदिर आज माता मनसा देवी मंदिर के रूप में गहबर बड़ौजी में स्थित है। पांडव कालीन मंदिर झिर मंदिर फिरोजपुर झिरका में है। जबकि श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली सिंगार गांव में मंदिर के रूप में स्थित है। इतने धार्मिक स्थल होने के बावजूद अब तक लोगों को इनके बारे में पता नहीं था। लेकिन इस यात्रा के बाद मेवात की एक धार्मिक स्थल के रूप में ख्याति देश के कोने कोने तक पहुचीं है। ऐसी आशा है कि अब जिले में धार्मिक यात्राओं के रूप में श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ेगा।
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