हथीन/माथुर : स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जलस्रोत और आधारभूत संरचना में पिछडे पलवल जिले के हथीन ब्लॉक के मेव बाहुल्य गांवों में विकास के लिए कुछ करने की चाहत के साथ डा. शिवसिंह रावत ने केबीसी स
ंस्था एवं एसजीआई संस्था के साथ मिलकर फलदार पौधारोपण किया एवं किसानों को पौधे वितरण किए। कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर रहीश खान ने किया। पौधारोपण के तीसरे चरण के दौरान उटावड गांव के पौधा वितरण सैंटर से गांव भूडपुर, घुड़ावली, कोट, उटावड़, रूपनगर नाटोली, रनियाला खुर्द उर्फ झांडा, मीठाका, मलाई और रूपडाका सैंटर से गांव रूपडाका, चिल्ली, जराली, लखनाका, गुराकसर, गोहपुर, खिल्लुका के किसानों को लगभग 40 हजार फलदार पौधे वितरित किए गए। इस मौके पर डा. रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि फलदार पौधों के द्वारा मेवात के किसानों की आमदनी बढाई जा सकती है। इस क्षेत्र में सिंचाई के पानी की कमी है इसलिए धान की जगह ऐसी फसलें लगानी चाहिए जिनमें पानी की कम जरूरत हो। फलदार पौधों को कम पानी चाहिए। हरियाणा सरकार भी मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम के तहत कम पानी वाली फसल लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन राशि देती है। पौधारोपण पर जोर देते हुए डा. शिवसिंह रावत ने कहा की संसार एवं भारत में वनावरण क्षेत्र कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 31 प्रतिशत एवं 21.67 प्रतिशत है। हरियाणा राज्य की स्थिति बहुत भयावह है, मुश्किल से आंकडा 4 प्रतिशत है। ग्रामीणों को जागरुक करते हुए डा. रावत ने कहा कि समय रहते अगर सबने मिलकर कदम नहीं उठाया तो कुछ वर्षों के बाद शुद्ध हवा, शुद्ध पर्यावरण एवं पानी के लिए तरसना पडेगा। उन्होंने आहवान किया कि जनभागीदारी द्वारा फलदार पौधारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आगे आएं। आईआईटी दिल्ली एलुमीनाई एसोसिएशन की कोषाध्यक्ष डा. गीतांजलि कौशिक ने एसोसिएशन के बारे में ग्रामीणों को बताया। उन्होने कहा की आईआईटी दिल्ली के ग्रामीण विकास केन्द्र द्वारा उन्नत भारत अभियान के तहत गांवों को गोद लेकर उनमे विकास कराया जाता है। हमारी एसोसिएशन इस क्षेत्र के एक-दो गांवों को कवर करने की पहल करेगी। पंकज कपाडिया आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र ने बताया कि वे शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही प्रसिद्ध सुपर-30 संस्था से जुडे हुए हैं। यह संस्था गरीब एवं मेधावी छात्रों को मुफ्त शिक्षा देती है। बिहार एवं रेवाडी में हमारे सैंटर हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने बच्चों को खासकर लडकियों को जरूर पढाएं ताकि इस क्षेत्र का विकास हो सके। केबीसी संस्था के प्रधान एडवोकेट वेदराम ने संस्था के द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों के बारे में लोगों को जानकारी दी। उन्होनें बताया की हमारी संस्था विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से गांवों में पौधारोपण, सोलर लाइट, सरकारी स्कूलों में शिक्षा में सुधार, महिला सशक्तिकरण एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ एवं सक्षम बनाओ, कौशल विकास, जलशक्ति अभियान आदि कार्यक्रम कराती है तथा ग्रामीणों को किसान गोष्ठी एवं जल पंचायत के माध्यम से जागृत करती है कृषि विभाग से सेवानिवृत डा. महाबीर मलिक ने डा. शिवसिंह रावत, केबीसी संस्था एवं एसजीआई के द्वारा किए जा रहे फलदार पौधारोपण की सराहना करते हुए कहा की किसानों को इस मुहिम का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कृषि एवं फल वाले पौधों पर विचार प्रकट किए एवं किसानों को कृषि संबंधित जानकारी दी। एसजीआई के कैप्टन राजिन्द्र सिंह ने बताया कि उनकी संस्था भारत के 10 राज्यों में फलदार पौधे लगाती है। उनकी संस्था का मुख्य उद्देश्य भारत से गरीबी को हटाना और पर्यावरण संरक्षण का है। केबीसी संस्था के एडवोकेट विक्रम सौरोत एवं हुकम सिंह रावत ने बताया कि आज पौधारोपण कार्यक्रम का तीसरा चरण है। जिसमे पलवल जिले के 20 मेव बाहुल्य गांवों में केबीसी वैलफेयर सोसायटी व सस्टेनेबल ग्रीन इनिशिएटिव (एसजीआई), देश में फलदार पौधारोपण करने वाली संस्था, के सहयोग से एवं डा. शिवसिंह रावत के प्रयासों से किया जा रहा है। पौधारोपण कार्यक्रम के पहले चरण की शुरुआत 31 जुलाई से की गयी थी तथा 14 सेन्टर बनाए गए हैं, जहां से 3 लाख फलदार पौधे 130 गांवों के किसानों को बांटे जा रहे हैं। अमरूद, नींबू, अनार, जामुन, कटहल, करोन्जा, आंवला, शीताफल आदि के पौधे वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पौधारोपण कार्यक्रम पूरे अगस्त के महीने में चलेगा। इस मौके पर रविंद्र, तरुण, भूरा, एसजीआई से बुधपाल, दीनू, इकबाल, आस मौहमद, सब्बीर, समसू मीठाका, महबूब खिल्लूका, इसाक मालूका, अब्बास, जुम्मा, साहून, इरसाद, जैकम उटरावड, मौहम्मद सहीद, हाजी याकुब जकरिया, मौहम्मद अय्युब, साहिद, चौधरी रफीक रूपडाका, सिराजु ठेकेदार, हमीदा ठेकेदार, मौहम्मद हुसैन, राजेन्द्र कुमार, मास्टर अमीचन्द आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।
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