पुन्हाना, कृष्ण आर्य केन्द्रीय मंत्री डा. सुरेन्द्र जैन की अगुवाई में मेवात के प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करने के लिए निकाली गई मेवात दर्शन यात्रा दोपहर बाद पुन्हाना व सिंगार गांव प
हुचीं। जिनका स्थानीय समाजसेवियों व कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। यात्रा में शामिल विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने सिंगार गांव के राधा कृष्ण मंदिर में दर्शन किए। यात्रा के आगमन से पहले शहर सहित सिंगार गांव के लोगों में उत्साह देखा गया। महिलाओं ने गांव में मंदिर तक कलश यात्रा निकाली। इसके अलावा गांव के सनातन धर्म के लोगों ने सुबह हवन यज्ञ किया। पुन्हाना में व्यापार मंडल के प्रधान संजीव सिकरैया व शहर के कार्यकर्ताओं द्वारा शिकरावा मोड के पास पंडाल लगाकर यात्रा में शामिल लोगों के स्वागत व जलपान का प्रबंध किया गया। सुरक्षा को लेकर पुन्हाना के डीएसपी शमशेर सिंह अपनी टीम के साथ पूरी तरह सर्तक दिखाई दिए। यात्रा प्रमुख विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने बताया कि मेवात की धरती ऐतिहासिक धरती है। यहां पर पांडव कालीन 3 स्वयंभू शिवलिंग है जो यहां की ऐतिहासिकता को प्रमाणित करते हैं। मेवात के गांव श्रृंगार में भगवान श्रीकृष्ण गाय चराने आते थे और यहां बैठकर उन्होंने मंदिर के किनारे सरोवर में स्नान भी किया था। उन्होंने बताया कि मेवात में गुमनाम हुए तीर्थ स्थलों का प्राचीन महत्व लोगों के सामने लाना ही इस धार्मिक मेवात दर्शन यात्रा का उद्देश्य है। इसके अलावा गौ रक्षा दल के प्रमुख मोनू मानेसर ने बताया कि मेवात के लोग हमारे भाई हैं। मेवात क्षेत्र अपने आप में पौराणिकता को समेटे हुए है। यहां आकर उन्हें ऐसा लगा है कि जैसे वे अपने सगे भाइयों से मिले हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा प्रतिवर्ष आयोजित होगी। इस अवसर पर व्यापार मंडल के जिला प्रधान संजीव गर्ग, प्रकाश चंद जांगिड़, नरेश भगत जी, लालाराम भारद्वाज, राकेश कुमार, राजकुमार, बजरंग दल जिला संयोजक प्रेमचंद, भारत भूषण, अमित कुमार, विनोद सोनी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र, महादेव पहलवान, कमल प्रकाश सैनी सहित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने यात्रा के स्वागत में हिस्सा लिया। ऐतिहासिक महत्व:- सिंगार गांव व गांव का प्राचीन कृष्ण मंदिर अपने आप में ऐतिहासिक है। ब्रज क्षेत्र की 84 कोस की परिक्रमा में आता है तथा राजस्थानके जिला भरतपुर से परिक्रमा यात्रि ठीक इसी मंदिर के सामने से गुजरते है। गांव सिंगार उत्तरप्रदेश की मथुरा वृंदावन तथा राजस्थान की भरतपुर जिले की सीमाओं पर स्थित है। बताया जाता है कि भगवान कृष्ण महाभारत काल के दौरान अपनी गऊओं तथा ग्वाल-बालों के साथ इस गांव तक भी विचरण करते हुए पधारे। मंदिर के पीछे एक कच्चा तालाब तथा उस पर एक प्राचिन कालिन एक छोटा सा घाट है। इस तालाब में घाट पर श्री कृष्ण ने स्नान किया और वस्त्र श्रंगार करके यहां विश्राम किया और तभी से इस गांव का नाम सिंगार तथा प्राचीन राधा कृष्ण के मंदिर का निर्माण कराया गया। ऐसी आस्था है कि इस तालाब और मंदिर परिक्रमा से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है।
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