नारनौल, 11 दिसंबर। नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने आज प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की हर शंका के समाधान के लिए लिखित में दिए गए प्रस्ताव के बावजूद किसान आं
दोलन को जारी रखना कोई साधारण बात नहीं है। वास्तव में अब धीरे-धीरे यह स्पष्ट हो रहा है कि वर्तमान किसान आंदोलन किसान हित के पर्दे के पीछे राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि को भी अपने सर पर उठाए हुए हैं। इसके दो तीन कारण बड़े स्पष्ट नजर आते हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारण तो यह है एसवाईएल के मामले पर पंजाब सरकार हर स्तर पर कानूनी लड़ाई अंतिम रूप से हार चुकी है और अब सुप्रीम कोर्ट का एसवाईएल नहर बनाने का आदेश किसी भी समय आ सकता है। पिछली सुनवाई पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट संकेत दिया था कि दोनों सरकार मिल बैठकर कोई समाधान अगर नहीं निकाल पाती है तो सर्वोच्च न्यायालय को इस विषय में आदेश देना पड़ेगा। अत: पंजाब सरकार को पता है कि एसवाईएल नहर बनाना अवश्यंभावी है। पंजाब सरकार हरियाणा को पानी ना देने की जिद पर इस हद तक कटिबद्ध है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अगुआई में पंजाब सरकार ने अपनी विधानसभा में हरियाणा के साथ जल समझौतों को रद्द करने से भी परहेज नहीं किया। जो लोग आज केंद्रीय कृषि कानूनों को काला कानून बता रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि असली काला कानून तो वह था जो पंजाब विधानसभा में पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री की देखरेख में पारित किया गया था। उन्होंंने बताया कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए की पंजाब की उसी तड़प की पूर्ति के लिए कहीं ना कहीं इस किसान आंदोलन के तार जुड़े हुए हैं और इसका लक्ष्य किसान आंदोलन के माध्यम से भारत सरकार पर इस स्तर का दबाव बनाना है कि वह एसवाईएल के निर्माण के लिए कोई कठोर कदम उठाने से परहेज करे। अत: एसवाईएल के निर्माण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसान आंदोलन के पीछे एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है। इसके साथ ही कई तरह के निजी एवं राजनीति हित भी इसके पीछे काम कर रहे हैं। डा. यादव ने कहा कि सभी किसानों एवं किसान संगठनों से उनका निवेदन है कि सिर्फ भावनाओं में बहकर हमें किसी बात का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहिए कि हमें किसी राजनीतिक पार्टी का विरोध करना है बल्कि किसान हित में जो भी बात हो उस बात का सम्मान करना चाहिए। उस को प्रोत्साहित करना चाहिए। यादव ने आगे कहा कि सामान्य सी बात है कि प्रजातंत्र में राजनीतिक शक्ति जनता के पास होती है और जनता के एक बहुत बड़े वर्ग के हितों की किसी तरह से हानि होने देना किसी भी लोकतांत्रिक सरकार की नीति नहीं हो सकती। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जिनको देश की जनता ने सिर आंखों पर बैठाया हुआ है वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना व प्रधानमंत्री सिंचाई योजना आदि अनेकों ऐसी योजनाएं लेकर आए हैं जिनसे किसान को सीधा फायदा हुआ है। ऐसे प्रधानमंत्री केवल और केवल किसानों के हित की बातें सोचते हैं। अत:
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