फिरोजपुर झिरका( पुष्पेंद्र शर्मा) कोरोना की संभावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए इस बार आरएसएस ने मैदान में उतरने के लिए पूर्व तैयारी कर ली है। जिसके चलते प्रदेशभर में स्वयंसेवकों की पच्च
स हजार टोलियां तैयार की जाएंगी। जो लोगों को कोरोना के बारे में जरूरी जानकारी देने, टीकाकरण करवाने, बीमारी के फैलने की स्थिति में लोगों का हौंसला बनाए रखने, उन्हें सही इलाज उपलब्ध करवाने, एकांतवास में रहने वालें लोगों की तीमारदारी करने जैसे जरूरी कार्य किए जाएंगे। साथ ही ये टीमें मेडिकल टीम के कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग करेगी। इसी कडी में नूंह जिले में भी करीब 4 हजार आरोग्य मित्र तैयार करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें 53 स्वयंसेवकों ने भाग लेकर जरूरी जानकारियां हासिल की। अब ये आरोग्य मित्र अलग-अलग खंड व नगरों में ग्राम स्तर पर टीम तैयार करेंगे और उन्हें प्रशिक्षण देंगे। कार्यशाला में जिला अस्पताल मांडीखेडा से होम्योपैथी मेडिकल आफीसर डा अरूण, सेवा भारती के अध्यक्ष एवं निजी अस्पताल संचालक डा यतींद्र गर्ग ने मुख्य रूप से स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला में संगेल गौशाला के पालक जयसिंह व सामाजिक कार्यकर्ता श्यामसुंदर ने भी स्वयंसेवकों को संभावित तीसरी लहर को लेकर जरूरी सावधानियां बरतने का सुझाव दिया। कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन करते हुए डॉक्टर यतीन्द्र गर्ग ने कोरोना की सामान्य जानकारी, तापमान लेना, ऑक्सीजन स्तर देखना आदि प्रयोग करके दिखाया। जबकि दूसरे सत्र में डॉक्टर अरुण ने भाप लेने का, मास्क पहनने का तरीका, हाथ धोने की विधि, ग्रह एकांतवास, टीकाकरण की अद्यतन जानकारी, पीपीई किट पहने व उतारने के नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। योग हो सकता है कारगरः तीसरे सत्र में पतंजलि के जिला प्रभारी एडवोकेट झम्मन सैनी ने बताया कि कोरोना काल में भारतीय खान-पान, रहन-सहन व योग और व्यायाम का अपने आप में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। भारतीय रसोई स्वयं एक औषधालय बनकर उभरी है। उन्होंने अलग-अलग बीमारियों के लिए कारगर योग क्रियाओं की जानकारी भी दी। कार्यशाला के समापन में सामाजिक कार्यकर्ता श्यामसुंदर ने कहा कि पूरे हरियाणा प्रांत ने इस बार इस बीमारी से लडने के लिए जबरदस्त योजना तैयार की है। नूंह जिले में यह पहली जिला स्तर की कार्यशाला है, इसके बाद प्रत्येक इकाई में आरोग्य मित्र प्रशिक्षण कार्यशाला लगेगी। गांवो में छोटी-छोटी बैठक करके सम्पर्क करने किया जाएगा। सभी आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर का सहयोग लेना, उनकी सूची बनाना, सामाजिक कार्यकर्ताओं को कार्यशाला में बुलाकर तथा युवाओं की भागीदारी अधिक रखने का आहवान किया गया।
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