मजार तोडने से उपजे विवाद का मामला पंचायत में सुलझा

Khoji NCR
2021-08-17 11:24:54

आपसी समझदारी के चलते टूटने से बची भाईचारे की डोर फिरोजपुर झिरका (पुष्पेंद्र शर्मा) कुछ शरारती तत्वों द्वारा नूंह के नल्हड गांव में बनी एक मजार को नुकसान पहुंचाने के मामले से उपजा विवाद थम गय

है। मंगलवार को मामले को लेकर नूंह के नल्हडेश्वर मंदिर में दोनों पक्षों की एक सांझा बैठक आयोजित हुई। जिसमें समाज के प्रबुद्ध लोगों ने बैठक कर मामले को सुलझा लिया। साथ ही आगे से ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो इसके लिए सावधान रहने का भी वादा किया। सांझा बैठक की अध्यक्षता नूंह के नल्हेश्वर मंदिर के अध्यक्ष सरदार जीएस मलिक ने की। जबकि बैठक में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुरेंद्र प्रताप आर्य, जिलाध्यक्ष नरेंद्र पटेल, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष हरिओम पालिवाल, जिला महामंत्री जगदीष भाटी, कैलाश भारद्वाज, तैयब हुसैन, आजाद पलडी, इलियास नंबरदार, शेरू पंच, सद्दीक, मजीद पूर्व सरपंच, अत्तु सरपंच तथा हसन मोहम्मद आदि मौजूद रहे। जीएस मलिक ने कहा कि मेवात के आपसी भाईचारे की मिसाल देशभर में दी जाती रही है। यहां सभी धर्मों व समुदायों के लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं। हर तीज त्यौहार में सभी समुदायों के लोगों का आपसी सहयोग रहता है। लेकिन कुछ शरारती तत्वों की शरारत के कारण पूरे समुदाय व क्षेत्र को बदनाम होना पडता है। लेकिन इन सब घटनाओं के बावजूद भी यहां का आपसी सौहार्द खराब नहीं होने दिया जाएगा। कितना भी बडा झगडा हो, मेवात जिले में बातचीत से उसका हल निकाला गया है। उन्होंने सभी लोगों से कहा कि आपसी भाईचारे की डोर को तोडने वालों को अपने मकसद में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। वहीं विहिप के जिला महामंत्री जगदीश भाटी ने बैठक में सभी के समक्ष कहा कि इस घटना की हम भर्त्सना करते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद इस घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ पुरजोर तरीके से खडा है। उन्होंने कहा कि चाहे किसी ने भी इस घटना को अंजाम दिया हो, लेकिन वे पूरे समाज की ओर से इसे गलत कृत्य मानते हुए इसका निर्माण फिर से कराने का वादा करते हैं। उन्होंने मुस्लिम समाज से शामिल लोगों का आभार जताते हुए कहा कि उनकी समझदारी के कारण ही इस घटना को बडा रूप नहीं दिया गया। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बैठक में लिए गए निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक स्थल समाज के होते हैं। उन्हें नुकसान पहुंचाने वाला कभी सभ्य समाज का अंग नहीं हो सकता। बैठक के अंत में सभी ने गले मिलकर एक-दूसरे से गिले-शिकवे दूर किए।

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