हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा ’’पर्यावरण संरक्षण’’ पर अभियान का शुभारम्भ ।

Khoji NCR
2021-08-14 12:24:44

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ’’विशेष पौधे वितरण अभियान ख़ोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूह। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अर्थात 14-08-2021 को माननीय न्यायमूर्ति श्री राजन गुप्ता, न्यायाधीश प

ंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथा कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रशासनिक भवन से ’’पर्यावरण संरक्षण’’ पर एक अभियान की शुरूआत की। वंचितों तक पहुंचने के प्रयास के साथ, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने दिनांक 1-8-2021 को गुरूग्राम में एक साल के लंबे अभियान Quality Of Legal Services Is Key To Access To Justice For All को शुरू करने के तुरन्त बाद इस अभियान की शुरूआत की। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण विभिन्न सामाजिक व आर्थिक मुद्दों और लोगों को उनके अधिकारों के बारें में शिक्षित करने के लिए ’’न्याय तक पहुंच’’ और जन जागरूकता अभियान चलाने की दिशा में अथक प्रयास कर रहा है। पर्यावरण हमारे और पृथ्वी के अस्तित्व का आधार है। पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि पर्यावरण निम्नीकरण की राह पर है। शुरूआत से ही पेड़ों ने हमें जीवन की दो आवश्यक चीजें भोजन और ऑक्सीजन से सुसज्जित किया है। जैसे-जैसे हम विकसित हुए, पर्यावरण ने हमें आश्रय, दवा और उपकरण जैसी अतिरिक्त आवश्यकताएं प्रदान की। आज उनका मूल्य बढ़ता जा रहा है और पेड़ों के अधिक लाभ खोजें जा रहे हैं क्योंकि हमारी आधुनिक जीवन शैली द्वारा बनाई गई जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी भूमिका का विस्तार होता है। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वृक्षारोपण के महत्व और मूल्य से सहमत होकर पर्यावरण संरक्षण और इसके लाभों के बारे में आम जनता को जानकारी देने के लिए यह पहल की है। इस अभियान के तहत पहली बार, वन विभाग, हरियाणा और बागवानी विभाग, हरियाणा के सहयोग से ’’विशेष पौधे वितरण अभियान’’ 15 अगस्त, 2021 से पूरे हरियाणा राज्य में लागू होगा। इसका उद्देश्य पौधारोपण के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक करना तथा पेड़ और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। इस अभियान के तहत, वन विभाग, हरियाणा, हरियाणा के प्रत्येक जिले को औषधीय पौधे, फलों वाले पौधें, फूलों और बहुउद्देशीय प्रजातियों के पौधे आदि उपलब्ध कराएगा। इस अभियान के तहत सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के लिए एक कार्य योजना निर्दिष्ट की गयी है, जिसका पालन उनके द्वारा चरणों में किया जायेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संभागीय वन अधिकारी के समन्वय से इन पौधों को स्वतंत्रता दिवस पर और उसके बाद पूरे राज्य में स्कूलों/कॉलेजों में जागरूकता अभियानों के दौरान छात्रों के बीच वितरित करेंगे। इन पौधों को गोद लेने वाले छात्रों को दिया जायेगा। प्रत्येक छात्र जिसने एक पौधा अपनाया है, वह उसकी देखभाल करेगा और समय-समय पर उसकी वृद्धि और रख-रखाव भी सुनिश्चित करेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन छात्रों का पूरा डाटा बनाये रखेगा जिन्हें पौधे वितरित किये गये हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उन छात्रों के नाम को शॉर्टलिस्ट करेगा जिन्होंने एक वर्ष की समयावधि में अपने पौधों को सर्वश्रेष्ठ बनाये रखा है और स्वभाविक रूप से इसके विकास की अनुमति दी है। हालसा बदले में ऐसे छात्रों को पुरस्कार से सम्मानित करेगा जिन्होंने एक वर्ष के बाद उनके द्वारा अपनाये गये पौधे के विकास में योगदान दिया है। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने समाज के किसी भी वर्ग को अछूता नहीं छोड़ा है और विभिन्न माध्यमों और तरीकों से जन जागरूकता पैदा करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। ’’न्याय तक पहुंच’’ के लक्ष्य की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए, इस प्राधिकरण ने एक साल के अभियान ’’Quality Of Legal Services Is Key To Access To Justice For All ’’ का शुभारंभ किया जिसका उद्घाटन माननीय न्यायमूर्ति श्री उदय उमेश ललित, न्यायाधीश, भारतीय उच्चतम न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया। एक साले लंबे इस अभियान के तहत, हालसा द्वारा परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू की गयी, जो इस प्रकार है:-  समर्पित वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग और कानूनी सहायक वकील व कानूनी सहायता प्राप्त करने वाले व्यक्ति के बीच संरचित और नियमित वीडियो परामर्श का शुभारम्भ ।  ऐ0डी0आर0 केन्द्रों को लोगों के अनुकूल बनाने के लिए 18 जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में किड्स जोन का उद्घाटन ।  किशोर न्याय अधिनियम (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 पर लघु फिल्म का विमोचन ।  गिरफ्तारी से पहले और गिरफ्तारी के चरण में एक व्यक्ति के अधिकारों पर एनिमेटेड लघु क्लिप का विमोचन ।  पुलिस थानों, अदालतों और जेलों में लगाये जाने वाले गिरफ्तारी से पहले, गिरफ्तारी और रिमाण्ड चरण में किसी व्यक्ति के अधिकारों के बारें में जागरूकता करने वाले पोस्टरों का शुभारम्भ । विभिन्न चरणों में कानूनी सेवाओं को मजबूत करने और किसी भी आर्थिक या सामाजिक बाधा के बावजूद सभी के लिए न्याय सुलभ बनाने के लिए एक साल लम्बे अभियान की अवधारणा की गयी थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य कानूनी सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और राज्य के किसी भी कोने में रहने वाले लोगों तक पहुंचने के लिए कानूनी सेवा संस्थानों के प्रयासों को अधिकतम करना है। इस अभियान से समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ होगा और लोगों को उनके कानूनी और मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूक किया जायेगा। इसके अलावा, हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पूरे हरियाणा राज्य में कोविड-19 के खिलाफ ऐहतियात और रोकथाम के लिए कई अन्य कदम उठा रहा है। इस प्राधिकरण ने 26-03-2021 को स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से कोविड स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने और मास्क शिष्टाचार के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से ’’मत जा नजदीक, खुद को रखे ठीक, उनपे रहे आँख, ढके ना जो मुँह और नाक’’ नामक एक परियोजना भी शुरू की। उक्त परियोजना के तहत, विधिक सेवा प्राधिकरणों ने राज्य भर में 318 टीकाकरण शिविर आयोजित किये और 45,221 व्यक्तियों को टीका लगाया गया। इस परियोजना के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गैर सरकारी संगठनों/सार्वजनिक एजेन्सियों/जेलों के सहयोग से मास्क बनाने का अभियान चला रहे हैं और जरूरतमंद व्यक्तियों को मुफ्त में वितरित कर रहे हैं। इस अभियान के तहत 1,76,201 मास्क तैयार/वितरित किये गये। इस प्राधिकरण ने कानूनी सहायता, लैंगिक समानता, कोविड टीकाकरण और मास्क शिष्टाचार जैसे विभिन्न विषयांे पर लघु ऐनिमेटेड क्लिप भी लॉन्च की, जिसका उद्देश्य संबंधित विषयों और उनसे जुडे़ विभिन्न पहलुओं पर अधिकतम लोगों को संवेदनशील बनाना है। हालसा ने कोविड-19 पर प्रचार सामग्री भी तैयार की है जिसे सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के साथ साझा किया गया है ताकि विभिन्न इलैक्ट्रॉनिक माध्यमों के द्वारा जनता के बीच प्रसारित किया जा सके ताकि हम दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंच सके। इसके अलावा, हालसा बच्चों और सोशल मीडिया की सहायता से प्रोजेक्ट ’’कोरोना होम वॉरियर्स’’ के तहत जागरूकता सामग्री भी साझा कर रहा है। इसका उद्देश्य कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम पर अधिकतम जन जागरूकता पैदा करना और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के प्रभावी कार्यान्वयन जैसे कि सही तरीके से मास्क पहनना, सामाजिक दूरी, बार-बार हाथ धोना, हाथों को साफ करना आदि है। इस प्राधिकरण द्वारा उन दुर्भाग्यपूर्ण बच्चों की मदद करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट ’HOPE ’’ भी शुरू किया गया है, जिन्होंने कोविड बीमारी से लड़ते हुए अपने एक या दोनों माता-पिता को खो दिया है। इसका उद्देश्य उन बच्चों के अधिकारों और लाभों को सुनिश्चित करना है जो अकेले रह गये हैं या एक जीवित माता-पिता के साथ हैं। उक्त परियोजना के तहत 3,090 बच्चों की पहचान की गयी है जिन्होंने अपने एक माता/पिता को खो दिया है और 84 बच्चों ने अपने दोनों माता-पिता को खो दिया है।

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