हथीन/माथुर : एसआईटी प्रभारी यशपाल सिंह डीएसपी ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे कॉरिडोर मामले में एडीसी पलवल की प्राथमिक जांच के बाद 8 पटवारी व कानूनगो तथा कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर के खिलाफ मुक
मा दर्ज किया गया था जिसकी तफ्तीश अनुसंधान संघ के द्वारा किया जा रहा है। दौराने अनुसंधान आरोपियों की माननीय सेशन कोर्ट पलवल से अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी थी जिसमें आरोपी वरुण देव गर्ग, डीईओ एसडीओ (सी) कम एलएसी ऑफिसर पलवल भी है। जिसके ऊपर आरोप है कि उसने दोनों प्रोजेक्टों से अलग-अलग सैलरी के करीब ढाई लाख रुपए लिए और अपने आप को तथा अपने परिजन व रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए एकवायर की हुई जमीन में से 28-28 गज जमीन की रजिस्ट्री अपनी मां एवं 90 वर्षीय चलने फिरने में असमर्थ बुजुर्ग दादी के नाम कराई और बाद में दादी के नाम की गई जमीन को बिना दादी के हस्ताक्षर/ अंगूठा के सेल डीड नंबर 7142 के मुताबिक अपने व अपने भाई व बहन के नाम रजिस्ट्री करा दी,जो सभी को रेलवे के अवार्ड अनुसार 5 लाख 50 हजार रुपए, एक सरकारी नौकरी या आजीवन 20 हजार रूपये प्रति माह जमीन मालिक को मिलने थे, लेकिन इसकी शिकायत होने के बाद मुकदमा दर्ज किया गया। आगे जानकारी देते हुए प्रभारी एसआईटी ने बताया कि मामले में संलिप्त आरोपी वरुण देव गर्ग को कल लघु सचिवालय पलवल से गिरफ्तार कर उससे धोखाधड़ी के जरिए कमाई गई राशि 1 लाख 39 हजार 160 रूपये व सेल डीड बरामद की गई है। आरोपी वरुण देव गर्ग को आज नियम अनुसार पेश अदालत किया गया जहां अदालत ने आरोपी को बंद कारागार के सादर आदेश फरमाए। मामले में फरार आरोपियों की दबिश दी जा रही है।
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