डेढ़ माह बाद अपने परिवार से मिला बिछड़ा हुआ बच्चा

Khoji NCR
2021-08-03 10:18:06

सीडब्ल्यूसी नूंह द्वारा ने लौटाई परिवार को खुशियां नूंह: बाल कल्याण समिति नूंह द्वारा अपने परिवार से बिछड़े हुए बच्चे डेढ़ महीने बाद वापस माता-पिता से मिलाया गया। बच्चा करीब डेढ़ माह पहले द

हरादून से अपने माता-पिता से बिछड़ गया था तथा तावडू क्षेत्र में देखा गया था। जिसे बाल कल्याण समिति के समक्ष लाया गया। बिछड़े बेटे से मिलने के बाद बच्चे के पिता काफी खुश नजर आए तथा उन्होंने बाल कल्याण समिति वह ऑर्फेंस इन नीड बाल गृह के स्टाफ का हार्दिक धन्यवाद किया। बाल कल्याण समिति नूंह के चेयरमैन राजेश छोकर ने बताया कि उन्हें 23 जुलाई को सूचना प्राप्त हुई कि एक 12 साल का बच्चा तावडू शहर में घूम रहा है। जो काफी देर से लावारिस स्थिति में है। सूचना पर तावडू शहर में बताए गए स्थान चाइल्ड हेल्पलाइन के कार्यकर्ताओं को भेजा गया। जिन्होंने बच्चे को रेस्क्यू कर नजदीकी पुलिस थाने में पेश किया। बच्चे से पूछताछ के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे से पूछताछ की गई तथा उसका पता ठिकाना ज्ञात करने के लिए पूरा प्रयास किया गया। लेकिन बच्चे के बारे में कुछ पता नहीं चल सका। जिसके बाद बच्चे को ऑर्फन इन नीड बाल गृह में भेज दिया गया। यहां बाल गृह के स्टाफ द्वारा बच्चे की लगातार काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग के दौरान बच्चे ने बताया कि उसका परिवार देहरादून में रहता है तथा उसके पिता नगर निगम की गाड़ी चलाते हैं। बच्चे से मिली जानकारी के आधार पर देहरादून में फोन के माध्यम से लगातार जानकारी ली गई। इस दौरान बाल गृह के इंचार्ज जहीर अहमद को नगर निगम देहरादून से बच्चे के परिवार के विषय में अहम जानकारी हाथ लगी। जिसके आधार पर बच्चे के पिता से संपर्क साधा गया। बच्चे के परिवार की जांच करने के बाद उन्हें सीडब्ल्यूसी में बुलाया गया। जहां एक बार फिर से बच्चे तथा के परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की गई तथा बच्चे को पिता के लिए सौंप दिया गया। 14 जून को निकला था बच्चा: सीडब्ल्यूसी चेयरमैन राजेश छोकर ने बताया कि बच्चा अपने परिवार से 14 जून को बिछड़ा था। वह घर से अपनी मौसी से मिलने निकला था। उन्होंने बताया कि परिवार के परिवेश में लगातार बदलाव आने के कारण बच्चे घर से बिना बताए बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में हमें अपने बच्चों के प्रति जिम्मेदारी को समझना चाहिए। जिससे किसी भी बच्चे को अपने घर मे अकेलेपन का अहसास न हो।

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