नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय जांच आयोग को 6 और महीने को समय दिया गया है। यह 2019 के एक मामले में दिया गया है, जिसमें हैदराबा
में एक पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चार आरोपियों के साथ मुठभेड़ में गोली लगी थी और चारों की मौत हो गई थी। अब इस मामले में जांच आयोग को अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह महीने का समय और दे दिया गया। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जांच पैनल की ओर से पेश वकील से पूछा कि वह जांच को समाप्त करने के लिए और कितना समय चाहते हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने उत्तर प्रदेश में एक गैंगस्टर विकास दुबे की मुठभेड़ की जांच के लिए गठित एक समान पैनल के उदाहरण का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने पहले ही रिपोर्ट दायर कर दी है। पीठ ने आगे कहा, ठीक है छह महीने का और समय दिया जाता है। मुठभेड़ की परिस्थितियों की जांच करने के लिए 12 दिसंबर, 2019 को सिरपुरकर पैनल का गठन किया गया था और छह महीने में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन जांच पैनल को अब तक काफी समय दिया जा चुका है। तीन बार उनके समय को बढ़ाया जा चुका है। पुलिस ने बताया था कि 27 नवंबर, 2019 को महिला पशु चिकित्सक का अपहरण किया गया था, उसका यौन उत्पीड़न किया गया था और बाद में उसकी हत्या कर दी गई थी। बताया गया था कि आरोपितों ने बाद में महिला के शरीर को जला दिया था। वहीं, हैदराबाद के पास NH-44 पर चारों आरोपियों को मुठभेड़ में गोली मार दी गई थी। उसी हाईवे पर जहां 27 वर्षीय पशु चिकित्सक का जला हुआ शव मिला था।
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