नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी। इस बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत
के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है। नई संसद भवन की नींव रखी जा चुकी है। हम भारत के लोग मिलकर संसद के इस नए भवन का निर्माण करेंगे। यह 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के लिए गर्व का दिन है जब हम इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बन रहे हैं। नया संसद भवन समय और जरूरतों के अनुसार स्वयं के भीतर परिवर्तन करने का प्रयास है। माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था- पीएम मोदी पीएम मोदी ने इस दौरान यह भी कहा, 'मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था। तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे- पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने। नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र एक संस्कृति है। लोकतंत्र एक जीवन मूल्य, जीवन जीने का तरीका और भारत के लिए राष्ट्र के जीवन की आत्मा है। भारत का लोकतंत्र सदियों के अनुभव के साथ विकसित एक प्रणाली है। भारत के लोकतंत्र में समाई शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है, देशवासियों को नया विश्वास दे रही है। भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है। भारत में हम हर चुनाव के साथ वोटर टर्नआउट को बढ़ते हुए देख रहे हैं। संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है- पीएम मोदी पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि हमें याद रखना है कि वो लोकतंत्र जो संसद भवन के अस्तित्व का आधार है, उसके प्रति आशावाद को जगाए रखना हम सभी का दायित्व है। हमें ये हमेशा याद रखना है कि संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है। ये जवाबदेही जनता के प्रति भी है और संविधान के प्रति भी है। भारत की एकता-अखंडता को लेकर किए गए प्रयास, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा बनेंगे। जब एक एक जनप्रतिनिधि, अपना ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, अपना अनुभव पूर्ण रूप से यहां निचोड़ देगा, उसका अभिषेक करेगा, तब इस नए संसद भवन भविष्यवाणी की गई थी कि भारत में लोकतंत्र असफल हो जाएगा पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के समय एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के अस्तित्व पर संदेह जताया गया था। अशिक्षा, गरिबी, सामाजिक विविधता सहित कई
Comments