नई दिल्ली, बारिश का मौसम शुरू होते ही स्वास्थ्य और त्वचा से जुड़ी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। खासतौर पर कई लोगों को एक्ने की समस्या शुरू हो जाती है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? द
असल, मॉनसून में उमस और नमी बढ़ जाती है। जिसकी वजह से बैक्टीरियल इंफेस्टेशन होता है, और मुंहासे होने लगते हैं। साथ ही इस मौसम में त्वचा ज़्यादा सीबम (Sebum) प्रड्यूस करती है, जो आपकी त्वचा को ऑयली और चिपचिपा बना देता है। जिसकी वजह से आपकी त्वचा पर ज़्यादा मिट्टी और किटाणु अट्रेक्ट होते हैं, जिससे त्वचा के पोर्स बंद हो जाते हैं और मुंहासे होने लगते हैं। इसलिए मॉनसून में सभी को त्वचा का ज़्यादा ख़्याल रखने की ज़रूरत होती है। दिल्ली के इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डिपार्टमेन्ट ऑफ डर्मेटोलोजी में सीनियर कन्सलटेन्ट, डॉ. डी.एम. महाजन, ने कहा, "मॉनसून के मौसम में एक्ने की समस्या आमतौर पर देखी जाती है। ऐसा चेहरे की त्वचा में मौजूदा सीबेशियस ग्लैंड्स से सीबम या ऑयल बनने के कारण होता है। आमतौर पर इसके पीछे जेनेटिक और हॉर्मोनल कारण होते हैं। मॉनसून या बदलते मौसम में हॉर्मोन्स में बदलाव के कारण सीबम के निर्माण में बदलाव आ सकते हैं। सीबम बढ़ने से एक्ने की समस्या हो सकती है। एक्ने पर जर्म्स आसानी से पैदा होते हैं, जिससे त्वचा में इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही मौसम की नमी ज़्यादा होने के कारण सीबम और कॉमेडोन्स के रास्ते में रूकावट आने लगती है। इसलिए इस मौसम में चेहरे की हाइजीन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। इसक अलावा इस मौसम में डेयरी उत्पादों, ज़्यादा चीनी और कार्बोहाइड्रेट के सेवन से बचें, क्योंकि इससे सीबेशियस ग्लैंड्स ज़्यादा एक्टिव होती हैं।" 1. चेहरे पर बार-बार हाथ न लगाएं हम अपने हाथों से ही अपने मुंह पर बैक्टीरिया पहुंचाते हैं। बारिश में इसका ख़तरा और बढ़ जाता है। बार-बार चेहरे को छूने से आपकी स्किन तक इंफेक्शन पहुंचता है और आपको मुंहासें हो सकते हैं। अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आप अपने मुंह को छुएं, तो आपके हाथ एक दम साफ हों। 2. एंटीबैक्टीरियल क्लेंज़र का इस्तेमाल मॉनसूम में त्वचा चिपचिपी होती है, जिसकी वजह से उसपर मिट्टी और किटाणु आराम से चिपक जाते हैं। इसलिए चेहरे को दिन में दो बार क्लेंज़ करना चाहिए। आप एंटी-बैक्टीरियल फेशियल क्लेंजर का इस्तेमाल ज़रूर करें। 3. एक्सफोलिशन भी है ज़रूरी हवा में बढ़ती नमी की वजह से त्वचा ज़्यादा ऑयली हो जाती है। इससे भी बैक्टीरिया फैलता है और धूल-मिट्टी से पोर्स बंद हो जाते हैं। इसलिए हफ्ते में कम से कम दो बार एक्सफोलिशन करें। इससे मुंहासे होने का डर कम होगा। 4. ऑयली खाने से रहें दूर इस मौसम में त्वचा का ऑयली होना आम है। ऐसे में ज़रूरी है कि आप क्या खा रहे हैं इस पर ध्यान रखें और ऑयली खाने को कम करें। ऑयली खाने की वजह से त्वचा और भी ज़्यादा ऑयली हो सकती है और मुंहासों को जन्म दे सकती है। 5. स्किन को मोइश्चराइज़ करें अक्सर लोग पसीने और हाइड्रेशन में फर्क नहीं समझते। गर्मी और उमस की वजह से आपकी त्वचा पर पसीना ज़रूर आता है, लेकिन फिर भी आपको मोइश्चराइज़र ज़रूर लगाना चाहिए। इससे मुंहासे होने का रिस्क कम होता है।
Comments