तावडू, 28 जुलाई (दिनेश कुमार):बालश्रम उन्मूलन व अन्य योजनाओं पर सरकारपानी की तरहपैसाबहारहीहै।लेकिन धरातल पर इसका असरनहीं होपारहा।क्षेत्र में शासन-प्रशासनजानकर भी अनजानबनाहै।शहर व क्षेत्र
ें चाय की दुकान, होटलों पर, मैकनिक की दुकान, कपडे की दुकान व परचून की दुकानों तथा अन्य प्रतिष्ठानों के अलावारेहडियों पर छोटे-छोटेबच्चे कार्य कर रहेहैं। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कैबिनेटनेबालश्रम कानून में संसोधन कर 14वर्ष तक के बच्चेसे कार्य कराने पर प्रतिबंधलगायाहुआहै और14से 18 वर्ष तक के बच्चों को खतरनाक उद्योगों में काम करने पर पूरीतरहसेपाबंदीलगाईहुईहै। कानून में संसोधनसेबालश्रम पर रोक लगनी चाहिए।लेकिन प्रशासन की लापरवाहीसेक्षेत्र में बालश्रम उन्मूलन कानून की धज्जीयां उड रहीहैं।क्षेत्र में अब नौनिहालों का जीवन गर्त में जारहाहै।क्षेत्र के नौनिहालजिनका अभीपढने व खेलने का समयहै, लेकिन कुछनौनिहालों के हाथ में कटौरा देख लोगों का मुहंशर्मसेझुक जाताहै।
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