ट्रांसफर होने की खुशी में गौहत्यारों व गौ तस्करों ने बांटे लडडू

Khoji NCR
2021-07-28 09:12:56

हथीन/माथुर : एक तरफ जहां प्रदेश की भाजपा सरकार गौ हत्या बंद करने के लिए अन्य राज्यों की अपेक्षा हरियाणा में सबसे ज्यादा 1 लाख रूपये का जुर्माना और 10 साल की सजा का प्रावधान लागू किया हुआ है, तो दूस

री तरफ वहीं हथीन उपमंडल के गौ हत्या व गौ तस्करों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने वाले ईनामदार व कर्तव्य निष्ठ पुलिस अधिकारी उटावड थाना प्रभारी इंस्पैक्टर राधेश्याम का तबादला उटावड थाना से महेन्द्रगढ कर देना सरकार की कथनी और करनी में स्पष्ट अंतर दिखाई दे रहा है। वहीं सूत्रों से पता चला है कि मंगलवार की देर सांय जैसे ही उनके ट्रांसफर की खबर गौ हत्यारों व तस्करों को लगी तो उन्होंने उनके ट्रांसफर की खुशी में लडडू तक बंटवा दिए। जबकि वहीं दूसरी तरफ गौ रक्षकों में उनके ट्रांसफर को लेकर भारी रोष बना हुआ है। बजरंग दल के प्रांत सह संयोजक और गौ रक्षक भारत भूषण शर्मा का कहना है कि एक ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ पुलिस अधिकारी जिसने कि उटावड जैसे गांव में गौ हत्यारों व गौ तस्करों के छक्के छुडा रखा हैं, उनका ट्रांसफर करना कहीं ना कहीं राजनैतिक प्रेसर दर्शाता है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार ने गौकशी पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाया हुआ है तो दूसरी तरफ वहीं गौ हत्यारों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने वाले एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी इंस्पैक्टर राधेश्याम का ट्रांसफर उटावड से महेन्द्रगढ कर देना यह क्या न्याय संगत है। श्री राम युवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कौशिक ने भी उटावड एसएचओ का महेन्द्रगढ ट्रांसफर किए जाने पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे सिद्ध होता है कि सरकार गौकशी पर अंकुश लगाना ही नहीं चाहती। यदि सरकार वास्तव में गौकशी में अंकुश लगाना चाहती तो ऐसे पुलिस अधिकारी का ट्रांसफर ही नहीं करती। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में उटावड में थाना बना था, वर्ष 2019 से 2021 तक यानि की इंस्पैक्टर राधेश्याम के थाना अध्यक्ष बनने से पूर्व तक मात्र दो केस ही गौकशी के दर्ज हुए थे और अब जबसे यानि की उन्होंने 19 जून को उटावड थाने का कार्यभार सम्भाला है तब से लेकर मात्र एक महीने के अंदर गौकशी के 5 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं। जिनमें 2 मुकदमें 307 के भी शामिल हैं। क्योंकि गौ तस्करों ने बौखलाहट में आकर पुलिस टीम पर गाडी चढाकर हत्या करने का प्रयास किए थे। ईद से एक दिन पूर्व उन्होंने अपनी पुलिस टीम के साथ मलाई गांव के निकट नाकाबंदी कर एक बंद बॉडी के कंटेनर से 27 गौवंशों को गौतस्करों के चंगुल से जिंदा मुक्त कराकर उन्हें सकुशल गौशाला भिजवाकर सराहनीय कार्य किया था। इसके अतिरिक्त उन्होंने ओवरलोडिड वाहनों पर भी सख्ती से अंकुश लगाया हुआ था तथा लाखों रूपये की जुर्माना राशि से सरकार खजाना को लाभ पहुंचाने वाले एसएचओ को शाबासी देने के स्थान पर महेन्द्रगढ ट्रांसफर कर देना कहीं ना कहीं इसमें राजनैतिक बू आ रही है। गौरतलब है कि उनके ट्रांसफर की मंगलवार की देर सांय जैसे ही गौभक्तों को पता चली तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से उनका ट्रांसफर रोकने की मांग को लेकर अभियान शुरू कर दिया है।

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