नई दिल्ली। असम-मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़प के बाद अब गृह मंत्रालय ने मोर्च संभाल लिया है। गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी की बुधवार को बैठक ब
लाई है। गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक में असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और असम के डीजीपी भास्कर ज्योति शामिल होंगे। सूत्रों ने कहा, 'असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ के साथ बैठक निर्धारित समय के अनुसार शुरू हुई। असम के डीजीपी गृह मंत्रालय में समय पर पहुंचे, लेकिन वह कुछ समय बाद लौट गए। इसके बाद असम के मुख्य सचिव के साथ बैठक को शाम चार बजे तक के लिए टाल दिया गया।' इस बीच, गृह सचिव अजय भल्ला ने मिजोरम के मुख्य सचिव लालनुनमाविया चुआंगो और मिजोरम के डीजीपी एसबीके सिंह से उनके कार्यालय में मुलाकात की। मुख्य सचिव मिजोरम लालनुनमाविया चुआंगो ने गृह सचिव के साथ पहले दौर की बैठक के बाद कहा कि असम-मिजोरम सीमा संघर्ष पर चर्चा जारी है। लालनुनमाविया चुआंगो ने कहा, 'हम इस मुद्दे पर कुछ नहीं कह सकते। यह प्रोटोकॉल है। हम दोपहर में फिर मिलेंगे।' असम-मिजोरम सीमा विवाद में छह असम पुलिस कर्मियों की मौत के बाद, असम सरकार ने हैलाकांडी के एसपी रमनदीप कौर को कछार जिले में नए एसपी के रूप में स्थानांतरित और तैनात किया है, जहां 26 जुलाई को मिजोरम के साथ सीमा पर हिंसा हुई थी। चंद्रकांत हिंसा में घायल हो गए थे और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। कछार एसपी ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण है और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को तटस्थ बल के रूप में सीमा पर तैनात किया गया है। रमनदीप ने कहा, 'स्थिति तनावपूर्ण है, वरिष्ठ स्तर पर बातचीत हो रही है। सीमा पर एक तटस्थ बल के रूप में सीआरपीएफ तैनात है। असम और मिजोरम बल क्रमशः अपने पदों पर हैं। केवल क्षेत्र के निवासियों को ही जाने की अनुमति है। इसके अलावा, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा, देवव्रत सैकिया, प्रद्युत बोरदोलोई, रॉकीबुल हुसैन, सुष्मिता देव और कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने अंतरराज्यीय सीमा का दौरा किया। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच हिंसक झड़पों और गोलीबारी के बाद असम-मिजोरम सीमा पर जमीन पर स्थिति का जायजा लिया, जिसमें छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए।
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