सबसे पहले तो एक्टिव वेयर्स के बारे में जान लेना जरूरी है कि आखिर ये हैं क्या? आसान भाषा में कहें तो ऐसे कैजुअल, कंफर्टेबल कपड़े जिन्हें पहनकर आप आसानी से स्पोर्ट्स और एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। इ
की बनावट, मैटीरियल्स ऐसे होते हैं कि इन्हें पहनकर आप रनिंग, साइक्लिंग, फुल स्ट्रेचिंग, जंपिंग जैसी एक्टिविटीज़ को आराम से कर सकते हैं। परफॉर्मेंस सुधारता है किसी एक्सरसाइज़ को करते वक्त अगर आपके कपड़े कंफर्टेबल न हों तो आप फ्री होकर योग या वर्कआउट कर ही नहीं सकते। तो एक्टिव वेयर्स का मैटीरियल ऐसा होता है कि ये आसानी से स्ट्रेच हो जाते हैं, पसीने को सोख लेते हैं जिससे आप इन चीज़ों की टेंशन लिए बिना आराम से और देर तक फिजिकल एक्टिविज़ कर पाती हैं। सुरक्षित रखता है स्ट्रेचिंग के दौरान कई बार कपड़े फट भी जाते हैं या फिर पसीने के वजह से वो बहुत ज्यादा गीले हो जाते हैं जिससे इनरवेयर्स हाइलाइट होने लगते हैं। लेकिन अगर आप एक्टिव वेयर्स में एक्सरसाइज़ करेंगी तो इन चीज़ों की प्रॉब्लम बिल्कुल नहीं होती। आरामदायक होता है ये इतने आरामदायक होते हैं कि इन्हें वर्कआउट के बाद भी पूरे दिन पहने रहने पर किसी तरह की उबन, खुजली, रैशेज वगैरह की समस्या नहीं होती। केसै चुनें सही एक्टिव वेयर्स इंटरनेट पर इतने सस्ते, खूबसूरत कलर्स और स्टाइल वाले एक्टिव वेयर्स नजर आते हैं कि हम बाकी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं देते और बाद में पछताते हैं। तो कलर, स्टाइल से ज्यादा क्या चीज़ें हैं जरूरी इन्हें खरीदते वक्त, ये जान लें। 1. फैब्रिक ऐसे फैब्रिक बिल्कुल न चुनें जो पसीना भी एब्जॉर्ब नहीं कर सकते। कॉटन मिक्स फैब्रिक इसके लिए बेस्ट होते हैं जो वर्कआउट के दौरान बॉडी का तापमान नियंत्रित रखते हैं और पसीने से होने वाली खुजली, रैशेज से बचाते हैं। 2. फिटिंग बहुत टाइट फिटिंग वाले कपड़े रैशेज़ का कारण बन सकते हैं वहीं बहुत लूज़ कपड़े शर्मिंदगी का कारण। इसलिए बिल्कुल अपनी फिटिंग वाले ही एक्टिव वेयर्स चुनें। 3. कंफर्ट ब्रॉ हो, टाइट्स या फिर टी-शर्ट्स वही चुनें जिन्हें आप कंफर्टेबली कैरी कर सकती हैं। बेशक इनके स्टाइल आपको अट्रैक्ट कर सकते हैं लेकिन क्या आप वर्कआउट के दौरान उन्हें पहनकर कंफर्टेबल रहेंगी, ये एकबार जरूर सोच लें। एक्टिव वेयर्स नॉर्मल कपड़ों की तुलना में मंहगे होते हैं इसलिए इन पर सोच-समझकर ही पैसे खर्च करें।
Comments