बहादुरगढ़ : वाट्सएप ग्रुप बनाकर कानूनी शिकंजे से बचता आ रहा ओवरलोड माफिया अब क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के निशाने पर है। बुधवार को टीम की लोकेशन बता रहे एक बाइक सवार युवक को काबू कर लि
ा गया। उससे मोबाइल बरामद हुआ तो पता लगा कि महाकाल हेल्पलाइन और सुल्तान हेल्पलाइन नाम से बने दो वाट्सएप ग्रुपों में वह टीम की लोकेशन बता रहा था। इसके बावजूद टीम ने 24 घंटे के अंदर सात ओवरलोड गाड़ियों को पकड़ा। एक दिन पहले भी टीम ने ऐसे ही खबरीलाल को काबू करने का प्रयास किया था। मगर वह हाथ नहीं आया था। दरअसल, हाल ही में आरटीए में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। कई दिनों से टीम ओवरलोडिग पर शिकंजा कसने की कोशिश में चल रही थी, मगर टीम के हाथ ऐसा कुछ नहीं लग रहा था। इस बीच दफ्तर से निकलते ही टीम की गाड़ी के आगे या पीछे बाइक और कारों में कुछ संदिग्ध नजर आते थे। जो हर वक्त टीम से चिपके हुए रहते थे। इसी कड़ी में बुधवार दोपहर आरटीए के इंस्पेक्टर नवीन मोर के नेतृत्व में भी टीम निकली तो बाईपास के नजदीक एक युवक बाइक पर कभी आगे और कभी पीछे चल रहा था। संदेह होने पर उसे काबू किया गया। उसकी पहचान दिल्ली के मुबारकपुर डबास के भाग्यविहार के रहने वाले अजीन के रूप में हुई। उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाइक को भी कब्जे में लिया गया। मोबाइल चेक किया तो हुआ खुलासा आरटीए टीम ने जब पकड़े गए युवक का मोबाइल चेक किया तो टीम हैरान रह गई। उसके मोबाइल में महाकाल हेल्पलाइन और सुल्तान हेल्पलाइन के नाम से दो वाट्सएप ग्रुप बने हुए थे। हर ग्रुप में 10 से ज्यादा मेंबर थे। इन ग्रुपों में आरटीए टीम की लोकेशन बताई जा रही थी। इस लोकेशन का पता करके ही ओवरलोडिग माफिया कार्रवाई से बच रहा था। आरोपित से पूछताछ में पता चला कि इस युवक को ओवरलोड माफिया द्वारा तनख्वाह पर रखा गया था ताकि वह आरटीए टीम की लोकेशन देता रहे। मंगलवार को भी आरटीए की टीम ने इस तरह के शख्स को काबू करने के लिए उसका पीछा किया था, मगर वह हाथ नहीं आया। एसपी ने दिए कड़े निर्देश आरटीए टीम द्वारा अब अतिरिक्त पुलिस बल साथ लेकर चेकिग की जा रही है। उधर, झज्जर के एसपी राजेश दुग्गल की ओर से इस संबंध में कार्रवाई के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। आरटीए टीम को आश्वस्त किया गया है कि जितने भी पुलिस बल की जरूरत पड़े वह उपलब्ध होगी, मगर इस संबंध में कार्रवाई जारी रखी जाए। वाट्सएप ग्रुप के एडमिन पर भी केस दर्ज आरटीए के इंस्पेक्टर नवीन मोर ने बताया कि जिन वाट्सएप ग्रुप में टीम की लोकेशन दी जा रही थी, उन दोनों ग्रुप के एडमिन का पता किया गया। दोनों के मोबाइल नंबरों के आधार पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। यह पूरी साजिश सरकारी राजस्व की चोरी के लिए की जा रही थी।
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