हथीन/माथुर : अब एनसीआर के जिलों में ईंट भ_ों का संचालन पीएनजी गैस से ही होगा। उक्त आदेश नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जारी किए हैं। उक्त आदेशों के बाद पलवल, फरीदाबाद, नूंह एवं गुडगांव जिला के एनसीआ
र के करीब 1900 ईंट भ_ों का काम काज प्रभावित होगा। पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल का कहना है कि सभी को एनजीटी के आदेशों की पालना करनी होगी। उल्लेखनीय है कि हरियाणवी एनसीआर के जिलों में कुल 1900 ईंट भ_े हैं। ईंट भ_ा संचालकों को पहले जिग जेग तकनीक से ईंट बनाने के निर्देश दिए गए थे। ईंट भ_ा संचालको ने उक्त तकनीक पर लाखों रुपये खर्च कर दिए। इसके बाद संचालन शुरू हुआ। परन्तु एनसीआर क्षेत्र की बिगडती आबो हवा के चलते अब एनजीटी ने ईंट भ_ों में पकाई के पीएनजी गैस के उपयोग के निर्देश जारी कर दिए हैं। जिससे ईंट भ_ा संचालको के सामने विकट परिस्थिति आ गई है। ईंट भ_ा संचालकों का कहना है कि कोरोना महामारी के संकट के चलते पहले ही काम मंदा है। जिग जैग पर भी पहले ही लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं। ऐसे में अब पीएनजी की व्यवस्था करना कठिन डगर है। इस मुद्दे पर ईंट भ_ा संचालकों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर एवं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से गुहार लगाई है कि उन्हें राहत दी जाए। पीएनजी गैस की उपलब्धता भी कठिन है। सूत्रों के मुताबिक सरकार में बैठे लोग भी ईंट भ_ा संचालको की दुश्वारियों के बारे में परिचित हैं। ईंट भ_ा संचालकों को राहत देना चाहते हैं। परंतु एनजीटी के आदेशों के आगे अपने आपको बेबस नजर पाते हैं। दूसरी तरफ पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल का कहना है कि एनजीटी के आदेशों की पालना कराई जाएगी। इस बारे में अधीनस्थ स्टाफ को निर्देश दे दिए गए हैं।
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