24 जुलाई को पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण है, गुरु पूर्णिमा के दिन बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग : शुक्ला।

Khoji NCR
2021-07-18 09:50:36

खोजी/सुभाष कोहली। कालका। इस वर्ष 24 जुलाई को पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा बहुत ही महत्व पूर्ण है क्योंकि इस वर्ष गुरु पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में गुरु प

जा करने से आपके सभी कार्य सिद्ध होंगे। 24 जुलाई शनिवार को दोपहर 12: 40 से सारा दिन और सारी रात सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह कहना है पिंजौर स्थित अंतरराष्ट्रीय अद्भुत ज्योतिष कार्यालय के आचार्य सीताराम शुक्ला राजपुरोहित जी का। शुक्ला का कहना है कि इस योग में गुरु पूजन करते समय मन में जितने विचार आएंगे वह सब सिद्ध की तरफ बढ़ेंगे। हर वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु की पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस पूर्णिमा को ही महाभारत के रचयिता श्री वेद व्यास जी का जन्म हुआ था तथा इसी दिन गौतम बुद्ध ने बोध गया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। इस पूर्णिमा के दिन मनुष्य के दिमाग के ब्रम्ह रंध्र खुलने या दिमाग का आकाश से कनेक्ट होने और मन के बलवान होने का योग बनता है। इस दिन जिस व्यक्ति का दिमाग या मन अपनों से बड़ों का आदर करने, सम्मान करने व खुश करने की तरफ होता है, उसके मन और दिमाग में प्रकृति का माता-पिता व गुरु की कृपा का और आशीर्वाद की चुंबकीय तरंगे किरणे शरीर में उतर कर बीज से वट वृक्ष की भांति फैल जाती हैं। शुक्ला का कहना है कि इस दिन सुबह स्नान करके पूर्व या उत्तर दिशा में चौकी में गुरु की फोटो या माता-पिता को अथवा शिक्षा या गुरु को, बैठकर चरण धोकर चरणों में चावल पुष्प हल्दी लगाकर, पुष्प माला पहनाकर, तिलक लगाकर, धूप दीप के बाद मीठा और फल दक्षिणा वस्त्र देकर आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए। संसार में सभी व्यक्तियों के अपने-अपने गुरु होते हैं, हर कार्य के हर विषय के और सभी लाइनों के गुरु होते है। चाहे वह खेल, नृत्य, संगीत, राजनीति हो या रोजी रोटी कमाने की विधि हो अथवा योग ध्यान साधना हो, उंगली पकड़ चलना सिखाने से लेकर विश्व विजेता होने तक सब कुछ गुरु के बिना संभव ही नहीं है। इसी कारण गुरु को भगवान से भी बड़ा दर्जा दिया गया है। गुरु हनुमान राम कृष्ण के भी थे। ज्योतिष शास्त्र में भी नौ ग्रहों में सबसे बड़ा और ताकतवर ग्रह गुरु को ही माना गया है। कहा जाता है कि किं कुर्वन्तु ग्रहा: सर्वे यस्य केंद्रे ब्रहस्पति। अर्थात जिसकी कुंडली में गुरु केंद्र में बैठा हो या बलवान हो उच्च हो तो बाकी के सभी ग्रह उस व्यक्ति का कुछ नही बिगाड़ सकते हैं। इस लिए आप सभी अंतरराष्ट्रीय अद्भुत ज्योतिष कार्यालय के आचार्य सीताराम शुक्ला राजपुरोहित जी की बात को गहराई से समझते हुए माता-पिता व गुरु की पूजा अवश्य करें और उनका असीम आशीर्वाद ग्रहण करके दुनिया में अपना नाम करें।

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