नारनौल एनसीआर हरियाणा (अमित यादव )÷भक्तो आज हम आपको कलयुग के अवतार बाबा श्याम के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है। जो सभी श्याम प्रेमियो का आस्था का केंद्र बन चुका है।जो भी भक्त बाबा के अ
रदास लेके आते बाबा सभी के मन की मुराद पूरी करते है। श्याम भक्तो का मानना है कि बाबा यंहा साक्षात विराजमान है। औऱ आज हम आपको अपने शब्दों को माला में पिरोकर उस पावन स्थल के दर्शन कराने जा रहे है। जिन्हें आप महसूस करिये। © एतिहासिक नगरी नारनोल से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर शिथित अमरपुर जौरासी गाँव है। और ये वही स्थान है। जिसका वर्णन मैने ऊपर किया है।भक्तगण बताते है ।कि यंहा सन 1978 में गांव जौरासी के कुलगुरु श्री सूरजभान जी की याद में एक भवन का निर्माण उनके पुत्र श्री राजेन्द्र प्रसाद गुरुजी ने करवाया था। जिसके बाद वँहा श्री राजेन्द्र प्रसाद गुरुजी के पुत्र श्री कमलकांत गुरुजी ने सन 1996 से बाबा श्याम का पद यात्रा सेवा शिविर शुरू किया । गुरुदेव की अपार भक्ति से प्रसन्न होकर बाबा श्याम ने गुरुजी कमलकांत जी को स्वप्न में आकर बताया कि तुम यंहा मेरे मंदिर का निर्माण करवाओ। मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूँ। गुरुजी ने सुबह जब ये बात सभी भक्तो को बताई तो । सभी प्रेमी झूम उठे।ओर उसी दिन से श्याम बाबा की कृपा से कमलकांत गुरुजी ( पुजारी श्री श्याम मंदिर जौरासी ) के प्रयास ओर भक्तो के सहयोग से एक भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। जो आज जौरासी धाम के नाम से प्रसिद्ध है।जंहा आज मेरे ईस्ट देव बाबा श्याम मंदिर में विराजमान होकर भक्तो की अर्जी सुनते है। मन्दिर के पुजारी जी का मानना है। कि यंहा बाबा की साक्षात कृपा बरसती है। जो भक्त बाबा के दरबार मे अपनी मन्नतें लेकर आते है। बाबा उन सभी की मन्नते पूरी करते है। यंहा एक विशेष बात ये है कि श्याम मन्दिर के प्राँगण में ही एक पुराना जाटी का वृक्ष है। जिस पर भक्तगण अपनी मन्नत का नारियल बांधते है। भक्तो के भाव की ऐसी मान्यता है। कि जो भक्त सच्चे मन से यंहा नारियल बांधने आते है बाबा की कृपा से उनके सारे कार्य सिद्ध हो जाते है । वही साथ मे ही नवग्रह व शनि महाराज का मंदिर है।मैने कुछ शब्दों में ही ये श्री श्याम मन्दिर जौरासी धाम की महिमा का वर्णन किया है बाकी प्रभु की महिमा अपरम्पार है।
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