नारनौल एनसीआर हरियाणा (अमित यादव )÷ कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2022 तक टीबी को प्रदेश से खत्म करने का लक्ष्य बनाया है। जिले में 27 जुलाई तक चलने वाले एक्टिव केस फाइंड
ग कैंपेन के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर करेगी टीबी मरीजों की पहचान। घर घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान करने के लिए ऑटो को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना। यह जानकारी देते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डा. हर्ष चौहान ने कहा कि 27 जुलाई तक चलने वाले इस कैंपेन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम जिला कारावास व शहर में घर-घर जाकर टीबी मरीजों की पहचान करते हुए टीबी युक्त मरीजों को सरकार की योजना के तहत सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयां मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती है। उन्होंने कहा कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी के मरीजों का इलाज चलने तक प्रतिमाह 500 रुपए भी प्रोत्साहन राशि के रुप में दिए जाते हैं। इस मौके पर जिला क्षय रोग केन्द्र से चिकित्सा अधिकारी डा. अजय ग्रोवर ने बताया कि टीबी का शुरुआती लक्षण खांसी, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी आना, बार-बार पसीना आना, थकावट होना, वजन घटना, सांस लेने में परेशानी आना, गर्दन में गांठ आना टीबी के मुख्य लक्षणों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत अति संवेदनशील जगह जैसे क्रैशर जोन, ईंट भट्टे, झुगी झोपडीयां या कंसट्रक्शन साईट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर लोगों के बलगम के सैम्पल लक्षणानुसार लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भिजवाएंगे ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। इस मौके पर औषधाकारक विकाश ग्रोवर, डीपीसी भुपेन्द्र सैनी, पीपीएम मनोज कुमार, डीपीएस रविन्द्र कुमार, चिरंजी लाल, विष्णु चौहान, राकेश कुमार व कमल सैनी मौजूद थे।
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