खोजी एनसीआर / साहून खांन नूंह डी एम ई आर डॉ शालीन द्वारा प्री एवं पैरा क्लिनिकल डॉक्टर्स की ड्यूटी आपातकालीन विभाग में लगाने बारे विभिन्न मेडिकल कॉलेज के निदेशकों को पत्र लिखा है
कि प्री एवं पैरा क्लीनिकल विभाग के डॉक्टर्स की ड्यूटी आपातकालीन विभाग में लगाई जाए । यहाँ काबिले गौर है कि मेडिकल कॉलेज एक टरसरी केयर संस्था है जहाँ मरीज इलाज करवाने के लिए ज्यादातर पी एच सी, सी एच सी एवं नागरिक हस्पताल में कार्यरत एम बी बी एस डॉक्टर्स द्वारा मरीज के रोग की गंभीरता को देखते हुए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से इलाज करवाने के लिए रेफेर किया जाता है और मेडिकल कॉलेज में विभिन्न रोगों से सम्बंधित स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को उनका इलाज करना होता है । प्री एवं पैराक्लीनिकल विभागों से संबंधित डॉक्टर्स की अपने विषयों में स्पेशलाइजेशन होती है । क्या एक पोस्टमार्टम करने वाला या लैब में टेस्ट करने वाला डॉक्टर ब्लड प्रेशर एवं शुगर की दवाई एम डी मेडिसिन डॉक्टर से बढ़िया दे सकता है । मेडिकल कॉलेज में इस प्रकार की ड्यूटी से जहाँ एक तरफ प्री एवं पैराक्लीनिकल विभाग की कार्यप्रणाली प्रभावित होगी वही दूसरी तरफ एम बी बी एस करने आये विद्यार्थियों की पढ़ाई में भी बाधा पड़ेगी । नलहर मेडिकल कॉलेज में रेगुलर डायरेक्टर के साथ साथ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और डिप्टी मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट के पद पिछले कई वर्षों से खाली पड़े है और इन पदों पर सीनियोरिटी की अनदेखी करके अपने चहेतों की नियुक्ति करना एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मेडिकल एजुकेशन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते है कि इतने वर्षों तक इन पदों पर नियमित नियुक्ति क्यो नही हुई और कोविड -19 के दौरान भी इन पदों को भरने में ए सी एस मेडिकल एजुकेशन रुचि क्यों नही ले रहे ।
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