नई दिल्ली, । कोरोनाकाल में लोग अपनी सेहत को लेकर बेहत सतर्क हो चुके है। पिछडे डेढ़ सालों में देश और दुनियां में लाखों लोगों की जान कोरोना से जा चुकी है। लोग अब सेहत को लेकर जागरूक होते जा रहे है
। लोग अपने लंग्स और लीवर की केयर करने के लिए तरह-तरह के नुस्खे आज़मा रहे हैं। अपने लीवर को डिटॉक्स करने के लिए तरह-तरह के ड्रिंक्स का सेवन कर रहे हैं ताकि वो हेल्दी रहे सके। लोगों के बीच इन दिनों लिवर क्लीनजे एंड डिटॉक्स ड्रिंक बहुत चर्चा में है। विदेश में कई दवा निर्माता कंपनियां लिवर क्लिनजे ड्रिंक के नाम से इसे बेच रही है। माना जाता है कि इससे लिवर की सफाई होती है और इसके सेवन से लिवर में मौजूद सभी तरह के हानिकारिक पदार्थों की छुट्टी हो जाती है। इस ड्रिंक के सेवन से लिवर में उपस्थित टॉक्सिन भी बाहर आ जाते है और शरीर को एनर्जी मिलती है। हालांकि समग्र रूप से साइंस की कोई रिसर्च इस संबंध में अभी तक नहीं आई है, तो सवाल यह है कि लिवर क्लीनजे और डिटॉक्स ड्रिंक्स क्या हैं? इसके फायदे क्या हैं? क्या इससे सचमुच लिवर की अंदरुनी सफाई होती है? दरअसल यह ड्रिंक जड़ी-बूटी, फल और सब्जियों का मिश्रण है जिससे पेय पदार्थ बनाया जाता है। इस ड्रिंक में क्या-क्या शामिल है मिल्क थिसल का पौधा सिंहपर्णी का पौधा गोखुर की तरह का एक पौंधा दालचीनी हल्दी अदरक लीवर की अशुद्धियां दूर करता है डिटॉक्स ड्रिंक्स: इन जड़ी-बूटियों से कुछ निर्माता कंपनियां लिवर क्लिनजे एंड डिटॉक्स ड्रिंक बनाने का दावा करती हैं। इसके निर्माताओं का कहना है कि इस ड्रिंक के सेवन से लिवर में मौजूद हानिकारक वेस्ट और टॉक्सिन बाहर आ जाते हैं। इसके अलावा लिवर में जितनी अशुद्धियां होती है वह भी फ्लश आउट हो जाता है। हालांकि इस पूरे डिंक को लेकर कोई साइंटिफिक रिसर्च नहीं हुई है लेकिन अलग-अलग जड़ी-बूटियों के बारे में अलग-अलग तरह की कुछ रिसर्च हुई है। दूसरी ओर आयुर्वेद में इसकी अलग-अलग व्याख्या है, लेकिन ऐसी कोई रिसर्च नहीं है जिससे यह साबित हो सके यह ड्रिंक लिवर की सफाई करता है। दवा निर्माता कंपनी यह भी कहती है कि इससे लिवर में मौजूद टॉक्सिन फ्लश आउट हो जाता लेकिन उस टॉक्सिन का क्या नाम है, इसके बारे में कंपनी कुछ नहीं कहती। दरअसल, शरीर में लिवर वह हिस्सा है जो शरीर में मौजूद हर तरह के हानिकारक रसायन को साफ या डिटॉक्सीफिकेशन करता है। अगर लिवर की कोशिकाओं में समस्याएं आ जाए या लिवर से संबंधित बीमारी हो जाए तो हानिकारक रसायनों का खून से निकलना प्रभावित हो जाता है।
Comments