तावडू, 12 जुलाई (दिनेश कुमार): गत वर्ष से चले रहे कोरोना काल के चलते प्राईवेट संस्थाओं में कार्य करने वाले लोगों को जीवन यापन करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा था। जिसके चलते क्षेत्र
ें बाल मजदूरी का चलन बढ़ गया है। वहीं भारी संख्या में बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है। बच्चों को खुलेआम दुकानों, होटलों व अन्य जगहों पर काम करते हुए देखा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष से कोरोना काल आरंभ हुआ और सरकार ने लॉकडाउन कर दिया था। लेकिन प्राईवेट जगहों पर काम करने वाले लोगों को बिना रोजगार के जीवन यापन करने में कठिनाईयों का सामना करना पडा। जिसके चलते माता-पिता के साथ-साथ बच्चे अब बाल मजदूरी करने लगे हैं। वहीं बाल मजदूर लगाने वाले दुकानदारों व अन्य लोगों को कानूनों का कोई खौफ नहीं है। जो खुलेआम बच्चों से काम करवाकर उनके भविष्य से खिलवाड कर रहे है। क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से बाल मजदूरी पर अंकुश लगाने की मांग की है। बाल मजूदरी करते हुए बच्चों को चाय की दुकान, होटल, ढाबों व अन्य दुकानों आदि पर देखा जा सकता है। वहीं लोग गरीबी के चलते बच्चों को काम पर भेजना ज्यादा उचित मानते है। जिन्हें कम वेतन पर दुकानदार अपनी दुकान पर रख लेते है और उनका भरपूर शोषण करते है। जिसके चलते गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाएं भी विफल साबित होती नजर आ रही है।
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