दिल्ली, । राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार सुबह ऑनर किलिंग के मामले में हत्या की साजिश करने वाले आरोपी व्यक्ति की जमानत रद कर दी है। जहां पति की गर्भवती पत्
नी के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गर्भवती बहन के सामने उसके भाई द्वारा उसके पति की निर्मम हत्या आरोप वाली इस याचिका के ट्रायल में तेजी लाने का भी आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी व्यक्ति जो गर्भवती महिला का भाई है उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। इससे पहले 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस ऑनर किलिंग के मामले में एक आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा था कि मुकदमे के परिणाम का इंतजार करें। इसके बाद सीजेआई (CJI) एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने मृतक अमित नायर के आरोपी और उसके बहनोई मुकेश चौधरी की जमानत रद्द कर दी है। मृतक अमित नायर की विधवा पत्नी ममता नायर और मुकेश चौधरी के वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह द्वारा पेश की गई दलीलों को सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। क्या है पूरा मामला? एक गर्भवती पत्नी के सामने उसके पति की निर्मम हत्या करने का यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। दरअसल यह मामला राजस्थान की रहने वाली एक महिला का है जिसने अपने परिवार की मर्जी के विरुद्ध जाकर केरल की एक मलयाई लड़के से शादी की थी। आपको बता दें कि यह वर्तमान याचिका एक 29 वर्षीय महिला द्वारा दायर की गई है जो ऑनर किलिंग मामले में मृतक की पत्नी है। दर्ज की गई याचिका में मृतक लड़के की पत्नी द्वारा कहा गया है कि उसके पति अमित को उसकी आंखों के सामने दिनदहाड़े गोली मारी गई थी। जिस हत्या की साज़िश के लिए महिला ने उसके भाई, माता पिता और अन्य सह- षड्यंत्रकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसके घर वालों ने 2017 में उसके पति की हत्या करवा दी थी।
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