लंदन, । ब्रिटेन में संसद सदस्यों के एक प्रभावशाली ग्रुप ने सरकार से अपील की है कि वह उइगर मुस्लिमों के नरसंहार को रोकने के लिए चीन पर दबाव बनाए। ब्रिटेन को 2022 में बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओ
लंपिक का भी बहिष्कार करना चाहिए। संसद की विदेशी मामलों की समिति के प्रमुख व कंजरवेटिव पार्टी के संसद सदस्य टोम टगेनधट ने कहा है कि चीन के शिनिजियांग प्रांत में उइगरों का नरसंहार ऐसा शर्मनाक कृत्य है, जिस पर विश्व के सभी देशों को गंभीरता से कार्रवाई करनी चाहिए और चीन पर दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में संसद में सदस्यों ने उइगर नरसंहार पर जो निर्णय लिए थे, उन पर अमल किया जाना चाहिए। चीन की सरकार को इसके लिए जवाबदेह बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन का पांच हजार साल का सभ्य संस्कृति का इतिहास है। इस इतिहास पर उइगर व अन्य अल्पसंख्यकों का नरसंहार काला धब्बा है। यह अहसास चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को उसके सौ साल पूरा होने पर कराया जाना चाहिए। संसद सदस्यों की समिति ने कहा है कि ब्रिटेन को फरवरी 2022 में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनीतिक रूप से बहिष्कार करना चाहिए। उइगर मुसलमानों का चीन के खिलाफ फूटा गुस्सा उइगर मुसलमानों पर चीन के अत्याचरों के खिलाफ अब अवाज उठने लगी है। चीन में बड़े पैमाने पर उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के खिलाफ कनाडा के पूर्वी तुर्किस्तान एसोसिएशन ने 15 दिवसीय वॉकिंग प्रोटेस्ट शुरू किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह फ्रीडम मार्च 4 जुलाई, 2021 को टोरंटो से ओटावा तक आयोजित किया जाएगा। आयोजकों ने कहा कि इस पैदल विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य पूर्वी तुर्किस्तान (चीन में शिनजियांग) में चल रहे उइगर नरसंहार के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। पूर्वी तुर्किस्तान में हो रहे उइगर उत्पीड़न के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ आयोजकों का उद्देश्य चीनी सरकार द्वारा 5 जुलाई को किए गए उरुमकी नरसंहार के पीड़ितों का सम्मान करना है।
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