पुन्हाना, कृष्ण आर्य समुदाय आधरित ग्रामीण विकास नेतृत्व को मजबूती प्रदान करने तथा ग्रामीणों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दृष्टि से नेस्ले इंडिया ने एस एम सहगल फाउंडेशन के सहयोग से "व
द्धि परियोजना" के दूसरे चरण का शुभारंभ किया। इस परियोजना की शुरूआत साल 2019 में नूंह जिले के गांव रहीडा से हुई थी। इसके दूसरे चरण के विस्तार के रूप में पुन्हाना ब्लॉक के गाँव नाहरपुर और गोविंसपुर में समग्र ग्रामीण विकास के माध्यम से स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार किया जाएगा। जिसका शुभारम्भ मंगलवार को राजकीय माध्यमिक स्कूल नाहरपुर गांव में किया गया। स्थानीय समुदाय की बेहतरी के लिए विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए परियोजना में एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया जाएगा जिसके तहत शिक्षा, स्वच्छता, जल संरक्षण और कृषि आजीविका में सुधार से संबंधित कार्य शामिल होंगे। इस पहल से अब तक 1500 लोग इसका लाभ ले चुके है। जिसमें पानी बचत वाली सिंचाई सुविधाओं का विकास, पोषण के प्रति जागरूकता, फसल उत्पादन बढ़ाने और स्कूलों में सफाई और स्वच्छता बढ़ाकर पढऩे के लिए स्वस्थ वातावरण विकसित करने के लिए समुदाय के साथ मिलकर कार्य किया। परियोजना के शुभारंभ के अवसर पर नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने कहा कि हम दृढ़ता से मानते हैं कि हमारे संगठन का उद्देश्य और मूल्य वर्तमान समुदायों और आने वाली पीढिय़ों के लिए अच्छा और बेहतर कार्य करने के आसपास केंद्रित रहे। हमने परियोजना वृद्धि की शुरुआत एक स्वस्थ समाज के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में की है ताकि लोगों के जीवन में कल्याण कर सकारात्मक बदलाव ला सकेंगे। इसका विस्तार दो और गांवों में किया गया है ताकि स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर उनकी भलाई के लिए काम करें। उन्होंने बताया कि स्थानीय निवासियों को कोरोना महामारी के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए जागरूकता सत्र आयोजित किए तथा महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए कदम बढ़ाया और पूरे गाँव को सेनीटाइज किया। इस दौरान सहगल फाउंडेशन के ट्रस्टी जय सहगल ने कहा कि नेस्ले इंडिया के साथ अपनी साझेदारी को जारी रखने पर गर्व है ताकि परियोजना के तहत जो कार्य चल रहे हैं उनको मजबूती मिल सके और ग्रामीणों को सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकें। परियोजना वृद्धि के आरम्भ से ही सामुदायिक जल भंडारण टैंकों के निर्माण, स्वच्छता जागरूकता अभियान, स्कूलों में सुधार, पशु पोषण और सिंचाई किटों, पशु स्वास्थ्य शिविरों और प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों का वितरण जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय लोगों को सशक्त बनाया है।
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