चिराग गोयल, फिरोजपुर झिरका।- डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिन के उपलक्ष मे शहर के समस्त भाजपाइ केंद्र में हिंदी साहित्य सलाहकार समिति के सदस्य राहुल जैन के कार्यालय पर एकत्रित होकर डॉ श्य
ामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और उनके द्वारा देश के लिए दिए गए बलिदान को याद किया गया। इस अवसर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद करते हुए राहुल जैन ने बताया कि डॉ॰ मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उस समय जम्मू कश्मीर का अलग झण्डा और अलग संविधान था। वहाँ का मुख्यमन्त्री (वजीरे-आज़म) अर्थात् प्रधानमन्त्री कहलाता था। संसद में अपने भाषण में डॉ॰ मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊँगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूँगा। उन्होंने तात्कालिन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिये वे 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहाँ पहुँचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नज़रबन्द कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। हमें इनके महत्वपूर्ण बलिदान को भूलना नहीं चाहिए और राष्ट्र के कार्य को देखते हुए इनके नक्शे कदम पर चलते हुए राष्ट्र के बारे में सोचना चाहिए। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष राजकुमार गर्ग, पूर्व मंडल अध्यक्ष डॉक्टर यतेंद्र गर्ग, मंडल अध्यक्ष पंकज महेश्वरी, जिला आईटी सेल संयोजक गौरव जैन, मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा विकास सिंगला, पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहित सोनी, मंडल महामंत्री तिलक सोनी, सैनिक प्रकोष्ठ जिला संयोजक खुशी राम शर्मा, जिला सचिव युवा मोर्चा जितेंद्र सैनी, विश्राम प्रजापत, हारुण खान, मोहम्मद शौकीन, ईसब, बाबूलाल सहित काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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