बीजिंग, । शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के दमन और अत्याचार के मामलों की अमेरिका सहित कई देश आलोचना कर चुके हैं। चीन इसके बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में ड्रैगन का एक और
जघन्य कृत्य सामने आया है। उस पर जापान से लौटी वनस्पति शास्त्र की एक उइगर मुस्लिम शोधार्थी की हत्या आरोप लगा है। उसे चीन की धरती पर कदम रखते ही चीनी अधिकारियों ने यातना गृह में भेज दिया था। जहां उसकी हत्या का आरोप है। 29 वर्षीय मिहराइ इर्किन जापान में नारा टेक्नोलाजी एंड साइंस इंस्टीट्यूट में शोध कार्य कर रही थीं। जून 2019 में उन्हें शिनजियांग प्रांत में रहने वाले अपने माता-पिता की सुरक्षा को लेकर चिंता हुई और वह वहां से अपनी नौकरी छोड़कर आ गईं। चीन पहुंचते ही उन्हें मनमाने तरीके से हिरासत में ले लिया और उनको यानबुलक डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया। इर्किन के मारे जाने के छह माह बाद उन्हें जानकारी मिली अब इर्किन का कोई पता नहीं चल रहा है। इर्किन की हत्या की जानकारी उसके नार्वे में रहने वाले चाचा अब्दुवेली अयूप ने वायस आफ अमेरिका को दी है। उनका कहना है कि इर्किन के मारे जाने के छह माह बाद उन्हें जानकारी मिली है। उनके माता-पिता को डिटेंशन सेंटर में भेजने के कारण ही इर्किन चीन से जापान चली गईं थीं। मामला अब इंटरनेट मीडिया की सुर्खियां बना शिनजियांग में रहते हुए उसके माता-पिता को बाद में दस साल से ज्यादा की सजा सुना दी गई थी। अब इर्किन के रिश्तेदार चीनी अधिकारियों से यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि उसको कहां दफना दिया गया। यह मामला अब इंटरनेट मीडिया की सुर्खियां बन गया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा 10 जुलाई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, वॉयस ऑफ अमेरिका (VOA) ने बताया कि शिनजियांग में उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के प्रति चीन का रवैया 'मानवता के खिलाफ अपराध' हैं।
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